जयमाल हुई.. लेकिन फेरों से पहले फुर्र हो गई दुल्हन, कहा – “भूख लगी है”, रसगुल्ला खाकर हुई फरार

बिहार के मुंगेर जिले में एक अनोखी और चौंकाने वाली शादी का मामला सामने आया है, जिसने पूरे गांव में हलचल मचा दी। असरगंज थाना क्षेत्र के सती स्थान गांव में बुधवार को एक दुल्हन ने वरमाला पहनाने के बाद मंडप में जाने से पहले ऐसा “कदम” उठा लिया, जिससे दूल्हे समेत पूरा बाराती दल हक्का-बक्का रह गया। जी हां, दुल्हन ने मंडप में सात फेरे लेने के बजाय अपने प्रेमी संग भाग जाना ही बेहतर समझा।
वरमाला हुई, पर फेरे से पहले उड़ गई दुल्हन
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सती स्थान गांव निवासी नंदनी उर्फ नेहा कुमारी की शादी बैजनाथपुर गांव के अमरजीत कुमार से तय हुई थी। बारात धूमधाम से पहुंची, वरमाला भी हो गई, और हर कोई शादी की रस्मों के अगले चरण का इंतजार कर रहा था। तभी दुल्हन मंडप में नहीं पहुंची। जब परिवार की महिलाएं उसे बुलाने गईं, तो दुल्हन ने जवाब दिया – “मैं दो दिन से भूखी हूं, कुछ खाया नहीं है।” लेकिन असली भूख तो शायद “प्यार की” थी, क्योंकि कुछ ही पलों में दुल्हन रफूचक्कर हो चुकी थी।
दूल्हे का टूटा दिल, फेंका सेहरा और लौटी बारात
मंडप खाली रह गया, और इंतजार लंबा होता चला गया। जैसे-जैसे समय बीतता गया, बारातियों का धैर्य जवाब देने लगा। अंततः जब यह स्पष्ट हुआ कि दुल्हन अपने पुराने प्रेमी संग फरार हो गई है, तो दूल्हे अमरजीत ने गुस्से में अपना सेहरा फेंक दिया और बिना शादी के ही बारात को वापस ले जाने का फैसला कर लिया। गांव में देर रात तक हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा।
पिता बोले- दूसरी बेटी से शादी को भी तैयार नहीं हुआ लड़का
नेहा के पिता अजय मंडल, जो दिल्ली में मजदूरी करते हैं, ने बताया कि उन्होंने इस शादी में ढाई लाख रुपये दहेज भी दिया था। यह शादी पहले नवंबर 2024 में होनी थी, लेकिन किसी कारणवश टल गई और फिर 23 अप्रैल 2025 को तय हुई थी। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, “मेरी चार बेटियां हैं। नेहा सबसे बड़ी थी। जब दूल्हे से दूसरी बेटी से शादी की बात कही तो साफ मना कर दिया। बोला- जबरन शादी करवाओगे तो बाद में छोड़ देंगे।”
दहेज गया, बेटी भागी, अब पहुंचे थाने
परिवार अब थाने पहुंचा है और पुलिस से न्याय की मांग कर रहा है। मामला भले ही फिल्मी लग रहा हो, लेकिन इसमें उन परिवारों की भावनाएं, आंसू और सामाजिक अपमान छिपा है जो किसी मज़ाक का हिस्सा नहीं होना चाहते थे। सवाल यह भी है कि ऐसी घटनाएं अब सिर्फ “मजाक” बनकर क्यों रह जाती हैं?