मुंबई : पश्चिम रेलवे ने अग्रिम बुकिंग से अर्जित किया 2.55 करोड़ रुपए का राजस्व
मुंबई। रेल मंत्रालय ने हाल ही में विभिन्न एसएलआर में पार्सल स्थान की 120 दिनों की अग्रिम बुकिंग की अनुमति दी है। यह निर्णय माल ढुलाई बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे पर 5 अक्टूबर, 2020 तक ई-कॉमर्स के माध्यम से वीपी की अग्रिम बुकिंग के फलस्वरूप कुल 2.55 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है, जो इस सेक्टर में भारतीय रेलवे पर सबसे अधिक है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अब यात्री ट्रेनों और समय-समय पर चलने वाली पार्सल विशेष ट्रेनों में एसएलआर और पार्सल वैन में पार्सल स्थान की अग्रिम बुकिंग की जा सकती है। यह योजना प्रमुख पार्सल लोडिंग पार्टियों को बेहतर तरीके से अपने लॉजिस्टिक्स की योजना बनाने में सक्षम बनायेगी। इस योजना की एक विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत पार्सल स्थान की 120 दिन पहले अग्रिम बुकिंग की अनुमति दी गई है। यह योजना बहुत ही ग्राहक अनुकूल हैऔर इसी क्रम में मुंबई सेंट्रल डिवीजन ने अमेजन इंडिया के लॉजिस्टिक पार्टनर को ट्रेन नम्बर 02951 में इंडेंट वीपीयू बुक करने की अनुमति देकर एक डील की है।
यह बुकिंग 13 अक्टूबर, 2020 से 2 फरवरी, 2021 तक 113 दिनों के लिए की गई है। इसके अनुसार 2712 टन माल का परिवहन 113 दिनों की अवधि में किया जायेगा, जिससे 2 करोड़ रुपये की आय होगी। मुंबई सेंट्रल डिवीजन द्वारा उक्त बुकिंग हाल ही में अहमदाबाद डिवीजन द्वारा की गई पार्सल स्पेस की एडवांस बुकिंग के अलावा है। अहमदाबाद डिवीजन में, अमेजॉन इंडिया के लॉजिस्टिक पार्टनर ने 18 यात्राओं के लिए ट्रेन नम्बर 02833 में और 19 ट्रिप के लिए ट्रेन नम्बर 00913 में एक वीपीएच बुक किया है। इस प्रकार 16 नवम्बर, 2020 तक, कुल 851 टन माल के परिवहन के लिए कुल 37 ट्रिप सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है।
ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 6 अक्टूबर, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 1.43 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 591 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 48.45 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 100 दूध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें लगभग 76 हजार टन भार था और वैगनों का 100% उपयोग हुआ। इसी तरह 442 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियां 46 हजार टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं।
इनके अलावा 22 हजार टन भार वाले 49 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये। 22 मार्च से 6 अक्टूबर, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 17,200 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 36.34 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 33,840 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 16,880 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 16,960 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये। 7 अक्टूबर, 2020 को भी एक पार्सल विशेष ट्रेन पश्चिम रेलवे के ओखा स्टेशन से गुवाहाटी के लिए रवाना हुई।
लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान लगभग 2847 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 437 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 2410 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 7 अक्टूबर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 441.62 करोड़ रुपये की रिफंड राशि की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 214 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 68.63 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।