जानें कैसा रहा नेताजी का अखाड़े से लेकर संसद भवन तक का सफर!

बीते 55 वर्षों से उत्तर प्रदेश की राजनीति में आए हर मोड़ पर मुलायम सिंह दिखाई दिए, फिर चाहे वो सत्ता में रहे हों या ना रहे हों

पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का सोमवार को निधन हो गया. उनका निधन गुरुग्राम (Gurugram) के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में हुआ है. उन्होंने सुबह 8.16 मिनट पर अंतिम सांस ली. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सैफई लाया गया है. नेताजी 1967 में पहली बार विधायक बने इसके बाद से लगातार उनका राजनतीकि सफर बढ़ता चला गया. हम आपको 12 प्वाइंट में मुलायम सिंह यादव के पूरे राजनीतिक सफर के बारे में बता रहे हैं.

 

 

1967 में पहली बार उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर से विधायक बने

1996 तक मुलायम सिंह यादव जसवंतनगर से विधायक रहे

पहली बार 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने

1993 में दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री बने

1996 में पहली बार मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा

1996 से 1998 तक यूनाइटेड फ्रंट की सरकार में रक्षा मंत्री रहे

मुलायम सिंह यादव ने संभल और कन्नौज से भी लोकसभा का चुनाव जीता

2003 में एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने

2004 में लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन सीट छोड़ दी

2009 में उन्होंने मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते

2014 में मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों जगह से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते

2019 में एक बार फिर मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते

बीते 55 वर्षों से उत्तर प्रदेश की राजनीति में आए हर मोड़ पर मुलायम सिंह दिखाई दिए, फिर चाहे वो सत्ता में रहे हों या ना रहे हों. मुलायम सिंह को नजदीकी से कवर करने पत्रकारों को पता था कि वह 24 घंटे चैतन्य रहते थे. उनकी पहचान पार्टी कार्यकतार्ओं के लिए हमेशा ही उपलब्ध रहने वाले नेताओं के रूप में रही है.

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