अमर सिंह के निधन पर मुलायम सिंह बोले अमर सिंह का निधन उनके सभी मित्रों के लिए एक बड़ी त्रासदी
समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह का निधन होने से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को धक्का लगा है। अमर सिंह का पार्थिव शरीर कल ही भारत आ गया था। अमर सिंह का पार्थिव शरीर सिंगापुर से भारत लाया गया। बता दें कि पिछले कई समय से अमर सिंह से बीमार चल रहे थे जिसके बाद उनका देहांत हो गया। ऐसे में अब मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह के निधन पर एक नोट लिखा है। जिसमें उन्होंने अमर सिंह को एक महत्वपूर्ण शुभचिंतक मित्र और अनुज कहा है।
मुलायम सिंह ने जो नोट लिखा है वह कुछ इस प्रकार है :
अमर सिंह के निधन से मैंने अपना एक महत्वपूर्ण शुभचिंतक, मित्र और अनुज को दिया है। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार एवं मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे। उन्हें हमेशा अमूल्य सहयोगी और शानदार इंसान के रूप में याद रखा जाएगा।
बहुआयामी व्यक्ति के स्वामी अमर सिंह अंतिम सांस तक जीवन के विभिन्न आयामों में योद्धा की तरह लड़ते रहे। जीवन के अनेक पड़ाव पर भी अपने मित्रों के लिए संकटमोचक सिद्ध होते थे।
अमर सिंह का निधन उनके सभी मित्रों के लिए एक बड़ी त्रासदी है।
ईश्वर उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।
अमर सिंह और मुलायम सिंह की दोस्ती की शुरूआत आज से 24 साल पहले हुई थी। उस वक्त मुलायम सिंह यादव देश के रक्षामंत्री थे। साल 1996 में अमर सिंह और मुलायम सिंह एक जहाज में मिले थे।
बड़े उद्योगपति के रूप में पहचाने जाने वाले अमर सिंह 1996 के बाद मुलायम सिंह के इतने खास बन गए कि उन्हें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद पर बैठा दिया गया। राजनीतिक जानकार कहतें है कि साल 2000 के आसपास अमर सिंह का समाजवादी पार्टी में दखल बढ़ा और टिकटों के बंटवारे से लेकर पार्टी के कई बड़े फैसलों में उन्होंने मुलायम के साथ प्रमुख भूमिका निभाई।
2010 वो साल था जब अमर सिंह सपा से दूर होते चले गए। दो दशक तक पूर्वांचल की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने वाले अमर को जब साल 2010 में समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया तो उन्होंने पू्र्वांचल को अलग राज्य घोषित करने की मांग के साथ अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकमंच का गठन किया।