पत्नी के निधन के तीन महीने बाद दुनिया छोड़ गए मुलायम, अस्पताल में शुरु हुई थी उनकी प्रेम कहानी
यूं तो मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे, लेकिन नौ जुलाई को दूसरी पत्नी साधना की मौत के बाद वह बिल्कुल टूट गए। इसके बाद वह ज्यादा बीमार रहने लगे। तीन महीने बाद ही मुलायम सिंह यादव ने भी दुनिया को
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का निधन नौ जुलाई को हो गया था। उनके निधन के 93 दिन बाद मुलायम सिंह भी दुनिया छोड़ गए। साधना फेफड़ों के संक्रमण की बीमारी से गुजर रही थीं।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का आज 82 साल की उम्र में निधन हो गया। मुलायम सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। यूं तो मुलायम की तबियत पिछले दो साल से ज्यादा खराब थी, लेकिन नौ जुलाई को दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के निधन के बाद वह ज्यादा टूट गए थे। पत्नी की मौत के चार महीने के अंदर ही मुलायम सिंह ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।
इसी साल नौ जुलाई मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव की पत्नी का भी निधन हुआ था। उनके निधन के एक महीने बाद ही मुलायम सिंह की तबियत ज्यादा खराब हो गई। 22 अगस्त को उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया। तब से उनका इलाज यहां चल रहा था। दो अक्तूबर को हालात ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। लगातार उनकी हालत खराब हो रही थी। रक्तचाप सामान्य नहीं हो रहा था। आठ दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
मुलायम सिंह ने 2003 में साधना को आधिकारिक तौर पर अपनी पत्नी का दर्जा दिया था। आइए जानते हैं कि मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता की मुलाकात कैसे हुई थी? कैसे अपनी उम्र से 20 साल छोटी साधना को मुलायम सिंह यादव दिल दे बैठे थे? कैसे दोनों शादी के बंधन में बंधे और अब तक उनका रिश्ता कैसा रहा?
नौ जुलाई को साधना गुप्ता का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल निधन हुआ था। एक जुलाई को ही साधना गुप्ता ब्लड प्रेशर, शुगर और फेफड़े के संक्रमण सहित अन्य बीमारियों की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 10 जुलाई को लखनऊ के पिपराघाट पर साधना गुप्ता का अंतिम संस्कार हुआ था। उनके बेटे प्रतीक यादव ने मुखाग्नि दी।
मुलायम सिंह ने साधना के साथ की थी दूसरी शादी
साधाना की शादी 4 जूलाई साल 1986 को फर्रुखाबाद के व्यापारी चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी। इसके एक साल बाद 7 जुलाई साल 1987 को उन्होंने बेटे प्रतीक यादव को जन्म दिया। प्रतीक के जन्म के करीब दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए। दोनों का तलाक हो गया।
पार्टी की कार्यकर्ता थीं साधना
पहले पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग होने के बाद साधना गुप्ता ने राजनीति में कदम रखा। वह पार्टी की कार्यकर्ता थीं। इस दौरान उनकी मुलाकात मुलायम सिंह यादव से होने लगी। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं।
अस्पताल में दोनों के बीच बढ़ गईं नजदीकियां
अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में मुलायम सिंह और साधना के रिश्ते का भी जिक्र है। इस किताब में बताया गया है कि मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब साधना गुप्ता मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं। एक बार सैफई मेडिकल कॉलेज में एक नर्स गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, उस वक्त साधना ने ही नर्स को रोका था। दरअसल, साधना भी नर्स रही थीं। उन्होंने नर्सिंग का कोर्स करने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया था। जब ये बात मुलायम को मालूम हुई तो वह साधना से काफी प्रभावित हुए। अस्पताल में ही दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं।
साधना की मौत सहन नहीं कर पाए मुलायम
यूं तो मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे, लेकिन नौ जुलाई को दूसरी पत्नी साधना की मौत के बाद वह बिल्कुल टूट गए। इसके बाद वह ज्यादा बीमार रहने लगे। तीन महीने बाद ही मुलायम सिंह यादव ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।