बाहुबली मुख्तार को टिकट देंगे राजभर:BJP का अखिलेश पर तंज- माफियाओं के बिना साइकिल आगे बढ़ नहीं पा
पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर और बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी के बीच मुलाकात से यूपी की सियासत में गर्मी आ गई है। भाजपा ने सपा सप्रीमो अखिलेश यादव पर हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि राजभर अखिलेश यादव के इशारे पर मुख्तार को टिकट देना चाह रहे हैं, लेकिन वे कुछ भी कर लें 2022 में साइकिल आगे नहीं बढ़ पाएगी।
दरअसल, बीते मंगलवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर बांदा पहुंचे थे। जहां उनकी जेल के भीतर बाहुबली मुख्तार अंसारी से लंबी मुलाकात चली थी। मुलाकात के बाद राजभर कह रहें है कि वो वह मुख्तार अंसारी को मऊ से विधानसभा का टिकट देंगे। यह मुख्तार अंसारी पर निर्भर करता है कि वह सुभासपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हैं या फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्तार से मिला अब बृजेश सिंह से भी जल्द मिलूंगा। हरदोई में इसी महीने बड़ी मीटिंग करूंगा।
बता दें कि सुभासपा का अखिलेश की पार्टी सपा से विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन है। कहा जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर और समाजवादी पार्टी के बीच हुए गठबंधन के बाद पूर्वांचल में करीब 12 सीटों की जिम्मेदारी राजभर को मिली है। मुख्तार अंसारी बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे।
मुख्तार अंसारी वर्तमान में बांदा जेल में है।
राजभर बोले-अखिलेश को नहीं होनी चाहिए दिक्कत
ओमप्रकाश राजभर से मुख्तार को टिकट देने के ऐलान पर जब सवाल पूछा गया कि क्या सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी को समर्थन देने को तैयार होंगे? तब राजभर ने कहा कि सरकार बनानी है तो समर्थन देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जब अखिलेश यादव मायावती से गठबंधन कर सकते हैं तो फिर मुख्तार अंसारी को समर्थन देने में कोई समस्या नहीं होगी।
राजभर ने कहा कि भाजपा मुख्तार अंसारी को माफिया कहती है पर भाजपा के एक तिहाई विधायक अपराधी हैं। उन पर वो कुछ नहीं बोलते हैं। मैं उनसे (मुख्तार अंसारी) पिछले 19 वर्षों से जुड़ा हुआ हूं। वो अपने दम पर चुनाव जीतने की क्षमता रखते हैं।
मुख्तार अंसारी के भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी ने पहले ही सपा जॉइन कर ली है।
मुख्तार को राजनीतिक संरक्षण दे रहे अखिलेश
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव ने राजभर को मुख्तार से मिलने के लिए भेजा था। इससे पहले मुख्तार के भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी को पार्टी में शामिल कराया है। अभी भी वो अपना चेहरा बचाना चाहते हैं, लेकिन माफियाओं के साथ के बिना साइकिल आगे बढ़ नहीं पा रही लिहाजा वाया राजभर वो मुख्तार को पार्टी में ला रहे हैं और राजनीतिक संरक्षण देने का काम कर रहें है।
राकेश त्रिपाठी ने आगे कहा कि ओम प्रकाश राजभर ने जब बहराइच में सलार गाजी मसूद की मजार पर जब जाकर चादर चढ़ा दी थी तभी स्पष्ट हो गया था कि वो सत्ता में आने के लिए और कुर्सी पाने के लिए किसी भी स्तर पर जाने के लिए तैयार हैं।
बांदा जेल में तलाशी को राजभर ने अपमान बताया था। सोशल मीडिया पर उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से जवाब मांगा था।
कभी मुख्तार को लेकर चाचा-भतीजे में हुई थी तनातनी
ओम प्रकाश राजभर का मुख्तार अंसारी को टिकट देने का यह ऐलान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुख्तार को लेकर पहले के रुख को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है। 2016 में अखिलेश यादव के चाचा और तत्कालीन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव मुख्तार अंसारी और उनके परिवार को पार्टी में शामिल कराना चाहते थे, लेकिन अखिलेश इसके खिलाफ थे।
इसको लेकर परिवार के अंदर बड़ा विरोध भी देखने को मिला था। तमाम कोशिशों के बाद भी अखिलेश ने मुख्तार को पार्टी में शामिल नही किया था। हालांकि, अब खुद अखिलेश यादव ने मुख्तार के बड़े भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी को अपनी पार्टी में शामिल करा दिया है।
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