किसानों को पिछले साल की तुलना में 31 फीसदी अधिक हुआ एमएसपी का भुगतान : चौधरी
बाड़मेर। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर देश में चल रही अफवाहों के बावजूद मोदी सरकार ने पिछले सीजन की तुलना में इस बार 31 फीसदी एमएसपी भुगतान अधिक किया है।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 721 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों और प्रतिनिधियों को कृषि सुधार कानूनों के संबंध में संबोधित किया। कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने सभी प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे कृषि सुधार विधेयकों की वास्तविकता को अपने-अपने क्षेत्र में स्थानीय भाषा में किसानों को बताएं। इस दौरान कानून से जुड़े प्रत्येक पहलू और केंद्र सरकार की विभिन्न कृषि और किसान कल्याण से जुड़ी योजनाओं के उचित क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत और सकारात्मक संवाद हुआ।
कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि रबी सीजन 2020 के दौरान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करते हुए कुल 1.13 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। ये पिछले साल के एमएसपी भुगतान की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के मसले को लेकर देश में विपक्ष की ओर से की जा रही राजनीति के बीच रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी करके केंद्र सरकार ने किसानों की आशंका दूर करने का काम किया है कि नए कृषि सुधार कानून से एमएसपी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद पहले की तरह जारी रहेगी। उन्होंने दावा किया कि कोरोना काल में लाए गए कृषि से जुड़े तीन अहम अध्यादेश किसानों के हित में है। चौधरी ने बताया कि 2009-14 की तुलना में पिछले छह साल में दलहनी फसलों के लिए किसानों को एमएसपी भुगतान 75 गुना बढ़ा है। पिछले 5 साल में 645 करोड़ रुपए के मुकाबले 49 हजार करोड़ रुपये एमएसपी का भुगतान किया गया है। इसी तरह साल 2009-14 की तुलना में पिछले पांच वर्षों के दौरान तिलहन के किसानों के लिए एमएसपी भुगतान 10 गुना बढ़ा है। पिछले 5 साल में 2 हजार 460 करोड़ रुपए के मुकाबले 25 हजार करोड़ रुपए एमएसपी भुगतान किया गया।
केंद्रीय राज्यमंत्री चौधरी ने बताया कि इस साल रबी-2020 में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर किसानों को एक लाख 13 हजार करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में भुगतान किया गया है। यह राशि पिछले साल की तुलना में 31 फीसदी ज्यादा है।