48 से 72 घंटे में फिर झमाझम बरसेगा मानसून, यहां होगी भारी बारिश
पटना. बिहार में एक बार फिर मानसून (Monsoon) सक्रिय हो रहा है और इसके प्रभाव से आगामी 48 से 72 घंटे के भीतर सूबे के सभी जिलों में बारिश होने के आसार हैं. पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बंगाल की खाड़ी (Bay Of Bengalबमधु) क्षेत्र की ओर कम दबाव का क्षेत्र बनना शुरू हो चुका है. 25 जुलाई के आसपास मानसून ट्रफ के बिहार की ओर शिफ्ट करने की संभावना है. ऐसे में इन मौसमी प्रभावों से दो दिन राज्यभर में बारिश और वज्रपात की स्थिति बन रही है. इन दो दिनों में राज्यभर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. 26 जुलाई को पटना, वैशाली, बक्सर, गया, गोपालगंज, सीवान, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया में भारी बारिश हो सकती है. गया और बक्सर में 27 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.
मौसम विभाग ने 26 व 27 जुलाई से मेघ गर्जन, आकाशीय बिजली चमकने के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन अनूपगढ़, सवाई माधोपुर, झांसी, रीवा, अंबिकापुर, चाईबासा होते हुए उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से होकर गुजर रही है. इसके प्रभाव से अगले 48 से 72 घंटे के दौरान बिहार में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है. जैसे ही ट्रफ लाइन बिहार की ओर अग्रसर होगी, मानसून की सक्रियता बढ़ेगी.
इन जिलों में सावधानी बरतने की जरूरत
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 48 से 72 घंटे के दौरान तक राज्य के पटना, पश्चिमी एवं पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, मधेपुरा, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, गया, जहानाबाद, नालंदा, बेगूसराय, लखीसराय, नवादा, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगडिय़ा, जमुई आदि जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं. विभाग की ओर से ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है. इन स्थान पर रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
किसानों के चेहरों पर लौटेगी रौनक
बता दें कि जून में तो बिहार में भरपूर बारिश हुई, लेकिन जुलाई में मानसून की बेरुखी ने खेती-किसानी के लिए समस्या पैदा कर दी है. इसका असर अधिकतम तापमान पर पड़ा है. बारिश न होने से राज्यभर में पारा तीन से चार डिग्री तक ऊपर चढ़ा है. लोग पसीने वाली गर्मी से परेशान हैं. जेठ में झमाझम बारिश के बाद सावन निकट आने पर बादलों की बेरुखी से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. बारिश न होने से धान की रोपनी और खेती किसानी भी प्रभावित हो रही है. ऐसे में मौसम विभाग की नयी सूचना से किसानों के चेहरों पर रौनक लौटने की उम्मीद जताई जा रही है.