लोकसभा का मानसून सत्र समाप्त, 10 दिन में 25 विधेयक हुए पारित
नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई। इसके साथ ही संसद का मानसून सत्र समाप्त हो गया।
लोकसभा की कार्यवाही 10 दिन चली जिसमें चर्चा के बाद 25 विधेयक पारित किए गए। इनमें आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020, उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 महत्वपूर्ण विधेयक हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्र की कार्यवाही अनिश्चित काल तक स्थगित करने से पहले दिए अपने वक्तव्य में कहा कि 17वीं लोकसभा का मानसून सत्र कई अर्थों में इतिहासिक रहा है। सभी ने कोरोना महामारी के खतरे के बावजूद संवैधानिक कार्यों को सर्वोपरी रखा है और स्वास्थ्य संबंधी प्रोटोकोल का पालन किया है। उन्होंने कहा कि सदस्यों के सक्रीय सहयोग और सकारात्मक भागीदारी से सदन की कार्यउत्पादकता ने नए कीर्तिमान छूए हैं । इस बार सदन की कार्यउत्पादकता 167 प्रतिशत रही है। यह पहली बार है कि सदन की कार्यवाही के लिए दोनों सदनों के कक्षों और दीर्घाओं का इस्तेमाल किया गया।
संसद का मानसून सत्र 14 सितम्बर से शुरू हुआ था। इस सत्र के दौरान लोकसभा की 10 बैठकें हुई जिसमें अवकाश के दिन शनिवार और रविवार को भी बैठकें जारी रही । इन बैठकों के लिए निर्धारित कुल 37 घंटों की तुलना में कुल 60 घंटे की कार्यवाही हुई। सत्र के दौरान 68 प्रतिशत समय में विधायी कार्य किए गए जबकि शेष 32 प्रतिशत समय में गैर-विधायी कार्य किए गए।
इस सत्र में वर्ष 2020-21 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों-पहला बैच और वर्ष 2016-17 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों पर चर्चा 4 घंटे 38 मिनट तक चली। तद्नुसार विनियोग विधेयक भी पारित किए गए।