गुजरात चुनाव के लिए RSS की तैयारी
संघ की बैठक टली, लेकिन भागवत का गुजरात दौरा जारी रहा; BJP प्रदेश अध्यक्ष सहित RSS के बड़े अधिकारियों से मिले
गुजरात में 28-29 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की बैठक भले ही टल गई, लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत की यात्रा जारी रही। वे पहले से तय तारीख यानी 28 अगस्त को अहमदाबाद पहुंचे और अगले दिन सूरत के लिए निकल गए। दोनों ही जिलों में उन्होंने RSS के बड़े अधिकारियों से मुलाकात की। साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शिवराज पाटिल समेत अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं से भी उन्होंने सांकेतिक मुलाकात की। कुछ घंटों की इस मुलाकात में संघ की आगामी बैठकों और मुद्दों को लेकर मोटे तौर पर रूपरेखा भी तैयार हुई। सूत्रों की मानें तो अब अगली बैठक 15 सितंबर को हो सकती है।
अगली बैठक में कौन से अहम मुद्दे हो सकते हैं शामिल?
अगले साल राज्य में होने वाले चुनाव के लिए रणनीति बनाना। पिछले चुनाव में भाजपा ने 150 सीटें लाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 99 सीटों पर ही सिमट गई थी। कांग्रेस से भाजपा को कड़ी टक्कर मिली थी। लिहाजा पिछली बार का ही तय लक्ष्य पाने की योजना संघ की बैठक के अहम मुद्दों में शामिल होगी।पिछली बार के विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण होने के बाद यह बात सामने आई थी कि ग्रामीण गुजरात ने भाजपा के उम्मीदवारों को एक हद तक नकार दिया था। लिहाजा इस बार गांवों में सरकार की नीतियों का प्रचार बढ़ाने की भी रूपरेखा तैयार करना संघ की बैठक का हिस्सा होगा।संघ की तरफ से राज्य सरकार को गांवों में छवि सुधारने का संकेत भी दे दिया गया है। इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। इन इलाकों में कुपोषण सबसे बड़ा मुद्दा है। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से गर्भवती महिलाओं को 15 पोषक लड्डू देने की योजना के पीछे भी संघ का दिया गया फीडबैक ही है।भाजपा के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों को लेकर भी समीक्षा होगी, इसके बाद कुछ बदलाव भी हो सकते हैं।कोरोना काल के दौरान संघ और सरकार के कार्यों और उनकी भूमिका को लेकर भी समीक्षा होगी। दरअसल, कोरोना काल में बेड और दवाइयों की कमी के चलते राज्य सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। भाजपा अध्यक्ष शिवराज पाटिल ने जिस तरह से कोरोना की दवाइयों को खुलेआम बिना किसी लाइसेंस के बांटने की घोषणा की थी, उसके चलते उन पर आम लोगों की अनदेखी और अपने लोगों की मदद करने का आरोप लगा था। लिहाजा सरकार और सरकार के पदाधिकारियों, मंत्रियों की धूमिल हुई छवि को लेकर भी इस बैठक के बाद सरकार को फीडबैक दिया जा सकता है।
संघ के राज्य स्तर के एक कार्यकर्ता ने बताया, ‘बैठक की पूरी तैयारी हो चुकी थी। अखिल भारतीय स्तर के 4-5 लोग शामिल होने वाले थे, जिनमें संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी शामिल थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर के कुछ लोगों की व्यस्तता के चलते इसे टाला गया है। हालांकि कहीं न कहीं, बैठक टालने की एक और वजह भी है, राज्य सरकार के मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को समीक्षा के लिए और वक्त दिया गया है।