आज अयोध्या पहुंचे संघ प्रमुख:भागवत 3 दिन रहेंगे,
पूर्व IAS नृपेंद्र मिश्र से लेंगे राम मंदिर निर्माण का अपडेट
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और वरिष्ठ पदाधिकारी भैयाजी जोशी आज शाम अयोध्या पहुंचेंगे। वे यहां कारसेवकपुरम में संघ की तरफ से चल रहे अखिल भारतीय शिक्षण वर्ग शिविर में शामिल होंगे। शिविर का 21 अक्टूबर को समापन होगा। शिविर में सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, राष्ट्रीय प्रमुख सुनील कुलकर्णी, सह प्रमुख जगदीश प्रसाद समेत 500 पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं।
इधर, आज से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति की बड़ी बैठक होगी। इससे पहले समिति के चेयरमैन पूर्व IAS नृपेंद्र मिश्र ने टीम के साथ राम जन्मभूमि पर चल रहे निर्माण कार्य का अवलोकन लिया है। इस दौरान महासचिव चंपत राय और सदस्य डाक्टर अनिल मिश्र भी थे।
हनुमान गढ़ी में पूर्व आईएएस नृपेंद्र मिश्र।
नवंबर से बनेगा राम चबूतरा
राम मंदिर की राफ्ट यानी आधार भूमि की ढलाई 1 अक्टूबर से चल रही है। डेढ़ मीटर ऊंचे राफ्ट में 17 खाने बनने हैं, जिसमें छह की ढलाई की जा चुकी है। अक्टूबर माह में ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर निर्माण के लिए तीसरे चरण का कार्य नवंबर से प्रारंभ होगा, जिस पर 16 फीट ऊंचे राम चबूतरा का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसके लिए पत्थर आने शुरू हो गए हैं। प्लिंथ के ऊपर लगाने के लिए मिर्जापुर के 4 फीट लंबी और 2 फीट चौड़े पत्थरों के 30 हजार ब्लाक बनने हैं। राम चबूतरा के लिए 4500 घन फीट में लगाए जाने के लिए बेंगलुरु से ट्रकों के माध्यम से पत्थर मंगाए जा रहे हैं।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चल रहा है।
RSS ने संभाली चुनाव की कमान
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कहा जा रहा है कि मिशन 2022 की कमान अब पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS ने ले ली है। 2024 का सेमीफाइनल कहा जाने वाला यूपी चुनाव भाजपा के लिए अहम है। RSS ने जिस प्रकार से जय श्रीराम का नारा लोगों की जुबान पर लाने का काम किया था। अब लोगों को वंदेमातरम् कहने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
अयोध्या बनेगा RSS का बड़ा केंद्र
संघ की स्थापना नागपुर में 27 सितंबर 1925 को हुई थी। इसके सौ साल पूरे होने पर RSS अयोध्या में सबसे बड़ा कार्यक्रम 2025 में करने जा रहा है। इस समय तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के साथ यह काफी कुछ विकसित हो चुका होगा। नागपुर की तरह अयोध्या संघ का अघोषित मुख्यालय होगा। इसके लिए भवन निर्माण सहित अन्य सुविधाओं की योजना भी बन चुकी है।
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