जम्मू कश्मीर में राष्ट्रवाद होगा और मजबूत, मोहन भागवत के प्रवास में बनेगी बेहतर भविष्य की रूपरेखा
रात को भागवत ने प्रजा परिषद और गोवा मुक्ति आंदोलन से जुड़े लोगों के साथ भोजन पर चर्चा की। शुक्रवार को भागवत केशव भवन में ही संघ से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान कश्मीरी पंडितों की वापसी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा तय है।
: अनुच्छेद 370 और 35ए की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर को आतंकवाद, अलगाववाद और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने को लेकर जारी मुहिम के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के चार दिवसीय जम्मू प्रवास की शुरुआत हुई। इस प्रवास के दौरान कश्मीर केंद्रित सरकारों की पुरानी गल्तियों को सुधारकर जम्मू कश्मीर को एक खुशहाल और प्रगतिशील प्रदेश बनाने पर मंथन होगा। साथ ही नए जम्मू कश्मीर में सबको साथ लेकर चलते हुए राष्ट्रवाद को और मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा।
मोहन भागवत दोपहर करीब दो बजे जम्मू एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद वह जम्मू के अंबफला में स्थित संघ कार्यालय केशव भवन पहुंचे। यहां से उनके चार दिन के प्रवास की शुरुआत हो गई। भागवत ने केशव भवन में शाम को संघ के पदाधिकारियों के साथ आंतरिक बैठक में जम्मू कश्मीर के वर्तमान हालात व संघ की गतिविधियों पर चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रांत प्रचारक रूपेश कुमार, सह प्रचारक अवतार कृष्ण, प्रांत कार्यवाह डा. विक्रांत ने हिस्सा लिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना भी कुछ देर के लिए केशव भवन पहुंचे। रात को भागवत ने प्रजा परिषद और गोवा मुक्ति आंदोलन से जुड़े लोगों के साथ भोजन पर चर्चा की। शुक्रवार को भागवत केशव भवन में ही संघ से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान कश्मीरी पंडितों की वापसी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा तय है।
सुरक्षा के रहे कड़े प्रबंध : संघ प्रमुख के प्रवास को देखते हुए जम्मू एयरपोर्ट से केशव भवन तक सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहे। बिना अनुमति के किसी को भी केशव भवन जाने की अनुमति नहीं थी। जब मोहन भागवत की गाड़ी केशव भवन में प्रवेश कर गई तो उसके बाद किसी वाहन को अंदर नहीं जाने दिया गया।
625 शाखाओं में 50 हजार स्वयंसेवकों को करेंगे वर्चुअल संबोधित : स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन करने के लिए तीन अक्टूबर को होने वाली भागवत की वर्चुअल बैठक सबसे अहम होगी। सामान्य हालात में जम्मू में बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था, लेकिन कोरोना से उपले हालात में संघ प्रमुख आनलाइन माध्यम से स्वयंसेवकों को दिशा-निर्देश देंगे। मोहन भागवत 625 शाखाओं में एकत्र होने वाले 50 हजार स्वयंसेवकों को वर्चुअल संबोधित करेंगे। इनमें कश्मीर में राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रही संघ की कई शाखाएं भी हैं। इससे पहले मोहन भागवत दो अक्टूबर को जनरल जोरावर ङ्क्षसह सभागार में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रबुद्ध नागरिकों को संबोधित करेंगे। साथ ही साथ बीमार चल रहे प्रांत संघचालक ब्रिगेडियर सुचेत ङ्क्षसह और डा. गौतम मैंगी के घर जाकर उनसे मुलाकात भी करेंगे।
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहला दौरा : अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भागवत का यह पहला जम्मू कश्मीर प्रवास है। इसलिए इसे बेहद अहम माना जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2016 में उनका प्रवास हुआ था। कोविड-19 के कारण प्रवास में देरी हुई।