भागवत बोले- आजादी के बाद से ही सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चल रही है

संघ प्रमुख ने इशारों में साधा निशाना, अगला नंबर विवेकानंद का

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को इशारों-इशारों में कांग्रेस समेत उन लोगों पर हमला बोला जो सावरकर को बदनाम कर रहे हैं। संघ प्रमुख ने कहा- वीर सावरकर को लेकर आज के भारत में जानकारी का अभाव है, सावरकर को बदनाम करने की कोशिश की गई है।

भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चली है। इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद को बदनाम करने का नंबर लगेगा, क्योंकि सावरकर इन तीनों के विचारों से प्रभावित थे।

अशफाक उल्लाह खान जैसों का नाम गूंजना चाहिए
भागवत ने कहा कि सैयद अहमद को मुस्लिम असंतोष का जनक कहा जाता है। इतिहास में दारा शिकोह, अकबर हुए पर औरंगजेब भी हुए जिन्होंने चक्का उल्टा घुमाया। अशफाक उल्लाह खान ने कहा था कि मरने के बाद अगला जन्म भारत में लूंगा। ऐसे लोगों के नाम गूंजने चाहिए। भागवत दिल्ली में सावरकर पर लिखी एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे।

..तो विभाजन नहीं होता
संघ प्रमुख ने कहा, भारतीय भाषा की परंपरा के अर्थ में धर्म का अर्थ जोड़ने वाला है, उठाने वाला है, बिखरने ना देने वाला है। साधारण शब्दों में समझा जाए तो भारतीय धर्म मानवता है। जो भारत का है, उसकी सुरक्षा, प्रतिष्ठा भारत के ही साथ जुड़ी है।

विभाजन के बाद भारत से पाकिस्तान में गए मुसलमानों की प्रतिष्ठा पड़ोसी देश में भी नहीं है। जो भारत का है, वो भारत का ही है। इतने वर्षों के बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी, सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता।

राजनाथ सिंह बोले- महान स्वतंत्रता सेनानी थे सावरकर
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए। राजनाथ सिंह ने कहा- वीर सावरकर जी महान स्वतंत्रता सेनानी थे, इसमें कहीं दो मत नहीं हैं। किसी भी विचारधारा के चश्मे से देखकर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को अनदेखा करना, अपमानित करना ऐसा काम है, जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।

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