अरमान कोहली की बढ़ी मुश्किलें, एनसीबी के हाथ लगी चैट, पेरू और कोलंबिया से हो रही थी ड्रग्स की सप्लाई
28 अगस्त को एनसीबी ने एक्टर अरमान कोहली के घर छापेमारी की थी। इसके बाद एनसीबी ने पूछताछ के लिए एक्टर को हिरासत में ले लिया था। एक्टर के पास से कोकीन बरामद हुई थी, जिसके बाद एनसीबी ने अरमान को गिरफ्तार कर लिया था। 30 अगस्त को अरमान को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने अरमान को कोई राहत नहीं दी और उनकी हिरासत 1 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। अब एनसीबी को अरफान के मोबाइल फोन से ऐसी जानकारी मिली है जो ड्रग्स सप्लाई के तार मशहूर कोलंबियन ड्रग कार्टेल से जोड़ती नजर आ रही है।
एनसीबी को अरमान के मोबाइल फोन से ड्रग्स से जुड़ी चैट बरामद हुई हैं, जिसमें कई बार पेरू और कोलंबिया से ड्रग्स की सप्लाई का जिक्र आ रहा है। अरमान को सोमवार को NDPS कोर्ट में ड्रग पैडलर अजय सिंह के साथ पेश किया गया था।
एनसीबी जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के अनुसार, ये चैट एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक सब्सटेंस) एक्ट 1985 के तहत अरमान और अन्य के खिलाफ ठोस सबूत साबित होगा। अरमान पर ड्रग्स के अलावा कुछ अन्य गंभीर मामले के भी आरोप हैं। एनसीबी कोहली के ड्रग्स खरीदने को लेकर की गई वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है। अगर ड्रग मनी की ट्रेल मिलती है तो अरमान की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। इस मामले में अजय राजू सिंह, अरमान के ड्रग नेक्सस में रूसी और नाइजीरियाई लोगों के भी शामिल होने के लिंक मिले हैं। जानकारी के मुताबिक, सप्लायर अजय राजू सिंह कोलंबिया और पेरू से ड्रग्स मंगवा रहा था।
मुंबई पुलिस के अनुसार, अजय राजू सिंह कथित तौर पर वेश्यावृत्ति और ड्रग्स का रैकेट चलाता है। अरमान के लिए ड्रग्स का मुख्य सप्लायर वही है। गिरफ्तारी के समय अरमान के पास 1.2 ग्राम कोकीन मिली। जुहू इलाके से सोमवार को 2 ड्रग सप्लायर को एनसीबी ने एमडी की कुछ मात्रा के साथ पकड़ा है।
एनसीबी द्वारा सिर्फ बॉलीवुड के कलाकारों पर निशाना बनाने के सवाल पर समीर वानखेड़े ने कहा- हमने नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अभियान शुरू किया है और शहर को नशा मुक्ति बनाने के लिए कई जगह छापेमारी की जा रही है। जीरो टॉलरेंस का मतलब यह नहीं है कि हम सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में ही छापा मारेंगे। हम केवल एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) अधिनियम के उल्लंघन के बारे में चिंतित हैं। हमारे लिए, यह एनडीपीएस अधिनियम का उल्लंघन करने वाले के बारे में है। हमारा मकसद सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में छापा मारना नहीं है।