मिशन शक्ति : संघर्ष की पहचान बनीं महिलाएं आज देंगी सभी को प्रेरणा

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को 3,209 नलकूप चालकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में उनसे संवाद किया और किसानों के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। अहम बात है कि प्रदेश में पहली बार नलकूप चालकों की भर्ती परीक्षा के माध्यम से की गई है। यह परीक्षा उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए की गई। इतना नहीं नहीं पहली बार इसमें ‘मिशन शक्ति’ के तहत महिलाओं को भी मौका दिया गया और कुल 516 महिलाओं की भर्ती की गई है। नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नलकूप चालकों को जलसंरक्षण का भी पाठ पढ़ाया और पानी की एक-एक बूंद कीमत समझने की बात कही।
जल की एक-एक बूंद के संरक्षण की कार्य योजना करें तैयार 
मुख्यमंत्री ने कहा कि नलकूप चालकों का दायित्व है कि पूरी ऊर्जा, क्षमता के साथ हर एक अन्नदाता को उसके खेत तक जल की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कई बार देखने को मिलता है कि सरकारी नलकूप खोलकर नलकूप चालक चले जाते हैं। इससे पानी गिरता रहता है। जल की एक-एक बूंद की कीमत को हमें समझना होगा। किसान को पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता कराने के साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि हम जल की एक-एक बूंद के संरक्षण की कार्य योजना तैयार करें, क्योंकि यह जल हमारे लिए बहुत बहुमूल्य है।
एक नलकूप चालक को चार-चार जगह देखना पड़ता था काम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अंदर हमारे पास लगभग 23 लाख हेक्टेयर कृषि कृषि भूमि ऐसी है, जहां नलकूपों से सिंचाई होती है। यहां किसानों और शासन ने नलकूप बनाए हैं। लेकिन, जो 34,000 सरकारी नलकूप हैं, उनमें सभी जगह नलकूप चालक नहीं थे। एक-एक नलकूप चालक को चार-चार नलकूपों में अपनी सेवा देने के लिए मजबूर होना पड़ता था। इससे समय से सिंचाई किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पाती थी।
सिंचाई व्यवस्था बेहतर करने के लिए बिजली आपूर्ति पर किया काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने सबसे पहले विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित की। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति अनवरत बनी रहे, इस दिशा में काम किया गया। नलकूप चालकों के चयन की पारदर्शी प्रक्रिया को हम लोगों ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज इसका परिणाम है कि अब नलकूप चालकों की संख्या 9,000 से बढ़कर 12,000 होने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा है कि 2022 तक देश के अंदर किसानों की आय को दोगुना करना है। इसमें नलकूप चालक किसानों को समय पर जल मुहैया कराते हुए अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं।
खेती किसानी देश का आधार, प्रधानमंत्री मोदी के कारण पहली बार मिला एमएसपी
उन्होंने कहा कि खेती किसानी देश का आधार है। हमारा अन्नदाता किसान है। प्रधानमंत्री ने पिछले छह वर्षों के अंदर किसानों के हित में कई कार्यक्रम चलाए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, हर एक किसान के ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’  योजना, मृदा परीक्षण योजना आदि का लाभ किसानों को मिल रहा है। किसानों के खेतों तक जल उपलब्ध कराया गया है। खासतौर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद किसानों को मिलना प्रारम्भ हुआ।
उप्र में 2.20 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का​ मिला लाभ
उन्होंने कहा कि प्रदेश-देश के अंदर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ किसानों को पहली बार मिलना शुरू हुआ। अकेले उत्तर प्रदेश के अंदर हम लोग 2.20 करोड़ से अधिक अन्नदाताओं को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेजी गई। खाद से लेकर बीज की समय पर उपलब्धता व्यवस्थित रूप से सुनिश्चित की गई।
जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह की कार्यशैली को सराहा
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह की कार्यशैली की बेहद तारीफ की। उन्होंने कहा कि डॉ. महेंद्र सिंह ने जब-जब से विभाग का कार्यभार संभाला है, उन्होंने पूरी विभाग की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाते हुए इसे तकनीक से जोड़ा है। इससे चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता आई है। यह अन्य विभागों के लिए भी अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम अपनी पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएंगे तो स्वाभाविक रूप से ‘टॉप टू बॉटम’ इसका प्रभाव पड़ेगा और हर एक व्यक्ति इसका लाभ ले सकेगा।
आजादी के बाद पहली बार नलकूप चालकों के लिए योग्यता की निर्धारित
इस दौरान जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में जब से नलकूप सेवा प्रारंभ हुई, तब से कभी भी नलकूप चालकों की भर्ती परीक्षा के माध्यम से नहीं की गई। जब जहां जिसे चाहे बुलाकर नलकूप चालकों को रख दिया गया। इनके लिए कोई योग्यता भी निर्धारित नहीं थी। पहली बार वर्तमान सरकार में इस दिशा में काम किया गया। आईटीआई से दो वर्ष का प्रशिक्षण अनिवार्य करते हुए अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के जरिए नलकूप चालकों की भर्ती निष्पक्ष तरीके से की गई। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पहली बार नारी सशक्तीकरण की दिशा से कार्य करते हुए महिलाओं को इसमें मौका दिया गया। इस तरह 516 महिलाओं की नियुक्ति की गई है।
पहली बार प्रदेश में नलकूप चालकों को दी गई ट्रेनिंग 
उन्होंने कहा कि आज तक नलकूप चालकों को कभी ट्रेनिंग नहीं हुई थी। पहली बार वर्तमान सरकार ने चयनित नलकूप चलाकों की एक महीने ट्रेनिंग कराई गई। इसमें नलकूप चलाने नलकूप से लेकर फ्यूज ठीक करने, खेत नापने और प्रतिदिन  सिंचित जमीन का रिकार्ड अपडेट करने के लिए नलकूप चालकों को प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  इससे पहले 500 एई को प्रमाण पत्र वितरित कर चुके हैं। इसके बाद धनतेरस के दिन 1,438 जूनियर इंजीनियर को प्रमाण पत्र दिया गया और अब 3,209 नलकूप चालकों को आज प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। प्रदेश में कुल 34,401 नलकूप लगे हुए हैं। वर्तमान सरकार में अब तक कुल ढाई हजार नए नलकूप लगाए गए। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमारे पास केवल 9,198 ही पंप ऑपरेटर थे। आज 3,209 नए नलकूप चालकों को नियुक्ति पत्र मिलने से इनकी संख्या 12,407 नलकूप चालक हो जाएगी।

 

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