काबुल एयरपोर्ट पर फिर हमला कर सकता है ISIS,

अमेरिका ने अपने नागरिकों से तुरंत एयरपोर्ट छोड़ने को कहा

अमेरिकी सैनिक काबुल एयरपोर्ट से लोगों को एयरलिफ्ट करने में जुटे हैं। इस दौरान अमेरिकी मरीन का एक जवान अफगानी बच्चे को संभाले हुए नजर आया।

अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बीच काबुल एयरपोर्ट पर एक और आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे काबुल एयरपोर्ट से तुरंत हट जाएं, क्योंकि वहां ISIS फिर से हमला कर सकता है। अमेरिकी दूतावास की तरफ से जारी किए गए अलर्ट में काबुल एयरपोर्ट के अब्बे गेट, ईस्ट गेट और नॉर्थ गेट का खास तौर से जिक्र किया गया है।

अमेरिका ने कहा- मिशन काबुल के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक रहेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी सैनिकों के काबुल छोड़ने से पहले आतंकी हमला कर सकते हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री जेन साकी ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा के हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं। तमाम खतरों के बीच हमारे सैनिक लोगों को निकालने के मिशन में जुटे हैं, लेकिन इस मिशन के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक रहेंगे।

काबुल एयरपोर्ट पर तैनात अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान के लोगों को एयरलिफ्ट करने में जुटे हैं, लेकिन अमेरिका को 31 अगस्त तक एयरपोर्ट पर कब्जा छोड़ना है।

काबुल धमाकों के मास्टरमाइंड को अमेरिका ने मार गिराया
इस बीच अमेरिका ने अफगानिस्तान में ISIS-खुरासान (ISIS-K) ग्रुप के ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया है। ये हमला अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में किया गया है, जो कि पाकिस्तानी सीमा से लगा हुआ है और ISIS का गढ़ माना जाता है। यहां अमेरिकी हमले में काबुल धमाकों का मास्टरमाइंड मारा गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी ड्रोन ने मध्य-पूर्व की किसी अज्ञात लोकेशन से उड़ान भरी और ISIS-K के आतंकी को उस वक्त निशाना बनाया जब वह अपने दूसरे सहयोगी के साथ कार में सवार था, ये दोनों अमेरिकी हमले में मारे गए हैं।

काबुल एयरपोर्ट पर धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 लोग मारे गए
काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए धमाकों में 170 लोगों को मौत हो चुकी है। इन हमलों में 13 अमेरिकी सैनिक और 2 ब्रिटिश नागरिक भी मारे गए हैं, वहीं 1276 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। ISIS-खुरासान ग्रुप के फियादीन हमलावर ने एयरपोर्ट के पास धमाका किया था। इसके बाद वहां फायरिंग भी की गई थी। इन हमलों में मारे गए लोगों में काफी महिलाएं और बच्चे शामिल थे।

काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम 6 बजे सिलसिलेवार धमाके हुए थे। इनमें से एक फियादीन हमला था।

11.5 किलो विस्फोटक लादकर पहुंचा था हमलावर
एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक सुसाइड बॉम्बर आमतौर पर दो से साढ़े चार किलो विस्फोटक लेकर चलते हैं, लेकिन काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाला फिदायीन करीब 11.5 किलो विस्फोटक लादकर पहुंचा था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को निशाना बना सके। हमलावर ने काबुल एयरपोर्ट के गेट के पास काफी बड़े इलाके को कवर किया था, जहां देश छोड़ने के लिए अफगानियों की भारी भीड़ जमा थी।

धमाकों के बाद भी काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़
अफगानिस्तान के लोगों में फिदायीन हमलों से ज्यादा तालिबान का खौफ है। गुरुवार शाम हुए बम धमाकों के बाद काबुल एयरपोर्ट से लगे नाले में लाशें बिछी थीं। घायल इलाज के लिए नाले में पड़े तड़प रहे थे, लेकिन शुक्रवार को उसी नाले की तस्वीर कुछ और थी। यहां फिर से लोगों हुजूम उमड़ पड़ा। लोग तालिबान से इतने खौफजदा हैं कि वे किसी भी हाल में देश छोड़ना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर इटली के PM से चर्चा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुकव्रार को इटली के पीएम PM मारियो ड्रैगी से अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए आतंकी हमले की निंदा की है और अफगानिस्तान में फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है।

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