समीर वानखेड़े ने तीन मामलों में फैमिली फ्रेंड को गवाह के रूप में क्यो पेश किया, नवाब मलिक का NCB से सवाल
नेशनल डेस्क: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) के प्रवक्ता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की कार्य-प्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए शनिवार को पूछा कि एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने तीन मामलों की जांच में एक ‘‘पारिवारिक मित्र” को एक स्वतंत्र गवाह के रूप में क्यों इस्तेमाल किया। मलिक ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह जानना चाहते हैं कि वानखेड़े और स्वतंत्र गवाहों में से एक के बीच क्या संबंध है, जिसका इस्तेमाल एनसीबी ने अपने हालिया छापे के दौरान किया था। वानखेड़े इस महीने की शुरुआत में मुंबई तट पर एक क्रूज जहाज पर छापेमारी का नेतृत्व करने और मादक पदार्थों की कथित जब्ती के बाद अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान सहित अन्य को गिरफ्तार करने के बाद से ही चर्चा में बने हुए हैं।
एक स्वतंत्र गवाह के रूप में इस्तेमाल कैसे
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मलिक ने कहा कि अपराध स्थल पर मौजूद स्वतंत्र गवाहों का जांच एजेंसी से कोई पूर्व संबंध नहीं होना चाहिए। लेकिन यह गवाह इससे पहले भी वानखेड़े के परिवार के सदस्यों के साथ देखा जा चुका है। राकांपा नेता ने एनसीबी की कार्य-प्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ‘‘आप अपने पारिवारिक मित्र को एक स्वतंत्र गवाह के रूप में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।” मलिक ने कहा कि अदालतों ने कई फैसलों में यह स्पष्ट किया है कि अगर कोई गवाह किसी एजेंसी द्वारा जांचे गए कई मामलों में शामिल पाया जाता है, तो उसकी विश्वसनीयता शून्य मानी जाएगी। एनसीबी के एक अधिकारी ने मलिक के आरोपों पर कहा कि जिस गवाह की बात की जा रही है, वह सेना का एक पूर्व अधिकारी रह चुका है।
एनसीबी अधिकारी ने कहा कि कानून पंच के गवाहों को एक से अधिक जांचों में पेश होने से नहीं रोकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जांच अधिकारियों के परिवारों को इस तरह विवादों में घसीटा जा रहा है। इस बीच, एक अन्य सवाल के जवाब में मलिक ने दावा किया कि महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल (जिनमें गैर-भाजपा सरकारें हैं) केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के बयान के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने कहा कि भले ही भाजपा महाराष्ट्र सरकार के पूरे मंत्रिमंडल को जेल भेजने की साजिश रचे, राज्य सरकार नहीं झुकेगी। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने एक बयान में कहा था कि यदि भाजपा ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया होता तो आधा मंत्रिमंडल जेल में होता।