CM नीतीश से मीटिंग के बाद इस्तीफा देंगे मंत्री मदन सहनी?
पटना. बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए (Bihar NDA) में अंदरुनी खींचतान इतनी बढ़ गई है कि सरकार की नाकामियां इसके मंत्री और विधायक ही बयां करने लगे हैं. भाजपा के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (Gyanendra Singh Gyanu) और हरिभूषण ठाकुर बचौल (Haribhushan Thakur Bachaul) ने जहां सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, वहीं नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी (Madan Sahni) ने अफसरों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है. इसी क्रम में मदन सहनी ने आज (शनिवार) सीएम नीतीश से मिलकर अपना त्यागपत्र देने की बात कही है. मदन सहनी और भाजपा विधायकों के आरोपों के आधार पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे सीएम नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है.
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार रूपी गंगा ने तबाही मचाई हुई है. खुद मंत्री और सत्ताधारी पार्टी के MLA खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं कि बिना रिश्वत दिए कोई बाबू साहेब और अधिकारी काम नहीं करता है. बिहार में सरकार है ही नहीं. भ्रष्टाचारी, कुर्सीलोलुप, सिद्धांतहीन और अराजक तत्व राज्य चला रहे हैं. तेजस्वी के बयान के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीति के गर्माने की संभावना है.
मदन सहनी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार में 134 बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) पिछले तीन साल से एक ही स्थान पर पदस्थापित हैं, ऐसे में सिर्फ 18 सीडीपीओ के स्थानांतरण का निर्णय क्यों और किस आधार पर लिया गया. यह अधिकारियों की मनमानी व तानाशाही नहीं तो और क्या है. बता दें कि सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर एनडीए के अन्य नेता भी अपनी बात रख चुके हैं.
इससे पहले एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी भाजपा के दो विधायकों ज्ञानेंद्र ज्ञानू और हरिभूषण ठाकुर ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों के हालिया ट्रांसफर और पोस्टिंग में पैसा लिया गया. ठाकुर ने कहा कि राज्य में बाबुओं ने विधायकों को चपरासी का दर्जा दे दिया है. वहीं, ज्ञानू ने कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सीएम नीतीश से इनके आवास पर रेड डालने की मांग कर दी. एनडीए के ही सहयोगी जीतन राम मांझी ने भी अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर सवाल उठा चुके हैं.