एसपी सिटी के वीडियो मामले पर बोले नकवी, अगर सच है तो निंदनीय है !
शनिवार को मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह के वायरल वीडियो ने राजनीति में भी हलचल ला दी। इस वीडियो को लेकर विपक्ष केंद्र को घेरने में लगा है। वहीँ, इस मामले में केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास और मेरठ के एडीजी प्रशांत कुमार ने भी अपना पक्ष रखा।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है, ‘अगर यह सच है कि एसपी ने वीडियो में यह बयान दिया है, तो यह निंदनीय है। उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘किसी भी स्तर पर हिंसा, पुलिस द्वारा हो या भीड़ द्वारा, यह अस्वीकार्य है। यह लोकतांत्रिक देश का हिस्सा नहीं हो सकता। पुलिस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं, वे पीड़ित न हों।’ बता दें कि वायरल हुई वीडियो में मेरठ के एसपी अखिलेश नारायण सिंह कुछ लोगों से पाकिस्तान जाने को कह रहे थे।
वहीँ, मेरठ के एडीजी प्रशांत कुमार ने अभियुक्त एसपी का बचाव करते हुए इस पूरे वाकये को साज़िश बताया। एडीजी कहा कि घटना के एक सप्ताह बाद वीडियो का वायरल होना एक साज़िश का हिस्सा है। शुक्रवार को राज्य में शांति थी, जिसे भंग करने के लिए यह वीडियो वायरल की गई है। उन्होंने कहा कि यह वीडियो 20 दिसंबर को मेरठ में हुए उपद्रव के उपरान्त की है।
प्रशांत कुमार ने कहा कि इस वीडियो की रिकॉर्डिंग के समय एसपी सिटी उपद्रवियों से उपद्रव न करने को कह रहे थे। क्योंकि घटनास्थल पर देश विरोधी और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। इसके साथ ही वहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के आपत्त्तिजनक पर्चे बांटे जा रहे थे। बता दें कि उनसे पहले एसपी सिटी ने भी अपनी सफाई में कहा था कि ये शब्द देश-विरोधी और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे रहे प्रदर्शनकारियों के उस समूह के लिए इस्तेमाल किये थे।
2. ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच होनी चाहिये और दोषी होने के सही सबूत मिलने पर फिर उनको तुरन्त नौकरी से बर्खास्त करना चाहिये। बी.एस.पी. की यह माँग है।
— Mayawati (@Mayawati) December 29, 2019
गौरतलब है कि मेरठ के एसपी की वीडियो वायरल होने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर इसपर नाराज़गी जताई थी। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। वहीँ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।’
भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है pic.twitter.com/aR1L6bgSbG
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 28, 2019