मिले मुलायम काशीराम हवा में उड़ गए जयश्रीराम, के विवादित बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य पर आफआईआर
रायबरेली –उत्तर प्रदेश की राजनीति में अखिलेश यादव की राजनीति का दलितों को समाजवादी पार्टी से जोड़ने के लिए उठाया गया दिन था। जिसकी कवायद में उन्होंने रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा में स्वामी प्रसाद मौर्य के विद्यालय मान्यवर कांशीराम महाविद्यालय में काशीराम की प्रतिमा का अनावरण करते हुए प्रारंभ किया , मंच पर मायावती की सरकार में मंत्री रहे , मायावती की प्रयोगशाला से निकले कई मंत्री थे।
अखिलेश यादव के सामने बहुजन समाज पार्टी के दशकों पुराने कई नारे सभा में गूंजे , लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्या के द्वारा बोले गए एक नारे ने स्वामी प्रसाद मौर्या के लिए स्वामी प्रसाद की मुश्किलें बढ़ा दी , अभी अखिलेश यादव को अन्य नेताओं सहित रायबरेली को छोड़े 24 घंटे भी नहीं बीते स्वामी प्रसाद मौर्या के ऊपर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का एक मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज हो गया है ।रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा में काशीराम की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे अखिलेश यादव के सामने बहुजन समाज पार्टी से आए हुए नेताओं ने मंच से जमकर दशकों पुराने बसपा के नारों का उद्बोधन किया ।
फिर चाहे आर एस कुशवाहा रहे हो , इंद्रजीत सरोज रहे हो या फिर खुद स्वामी प्रसाद मौर्य लेकिन इन नारों का असर केवल स्वामी प्रसाद मौर्या पर देखने को मिला ।स्वामी प्रसाद मौर्या के दिए गए नारों की गूंज केवल वहां पर खड़ी हजारों की जनता पर ही नहीं पड़ा , समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर ही नहीं पड़ा , बल्कि उत्तर प्रदेश की सरकार पर भी पड़ा ।
कहने के लिए तो स्वामी प्रसाद मौर्य सहित इन नेताओं के भाषणों पर तालियों की गड़गड़ाहट कार्यकर्ताओं का उत्साह बता रही लेकिन जब उनके इस भाषण में बसपा के नारों का जिक्र हुआ तो सत्ता पक्ष के नेताओं को ये नारे नही रास आए । पहले तो इसके गुण लखनऊ पहुंची उसके बाद रायबरेली के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच गई ।
दरअसल यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो मारुत त्रिपाठी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस कार्यालय पहुंच गए जिसके बाद मारुति त्रिपाठी के एप्लीकेशन पर शहर कोतवाली मैं स्वामी प्रसाद मौर्या के ऊपर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए 295 A तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है ।