मेवाड़ में कांग्रेस-बीजेपी के समीकरण बिगाड़ेगी RLP:
विधानसभा चुनाव से पहले RLP मेवाड़ में ग्रासरूट स्तर तक संगठन बनाएगी
उदयपुर के डबोक में आरएलपी का दिवाली मिलन समारोह
वल्लभनगर सीट पर दूसरे स्थान पर रहकर सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने 25 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए। अब आरएलपी ने अगले चुनावों के लिए मेवाड़ पर फोकस करना शुरू कर दिया है। आरएलपी अब मेवाड़ में विधानसभा चुनावों से पहले संगठन खड़ा करने की कोशिश में है।
वल्लभनगर से आरएलपी उम्मीदवार रहे उदयलाल डांगी को प्रदेश महामंत्री और मेवाड़ प्रभारी बनाया गया है। डांगी को पूरे मेवाड़ की जिम्मेदारी देकर आरएलपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले ग्रासरूट स्तर तक पार्टी का बेस तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इस बार के उपचुनाव में मिले रिस्पॉन्स और नए समीकरण से हनुमान बेनीवाल को मेवाड़ में पार्टी को आगे बढ़ाने का रास्ता मिल गया है। मेवाड़ के कई स्थानीय नेता भी बेनीवाल की पार्टी की ठीक ठाक एंट्री चाहते हैं। इनमें कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के असंतुष्ट नेता भी शामिल हैं।
राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक उपचुनावों में बेनीवाल की पार्टी ने स्थानीय जनाधार वाले उपेक्षित नेताओं के लिए भी मंच देने का काम किया है। आरएलपी की नजर कांग्रेस और बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं पर है। स्थानीय स्तर पर पकड़ रखने वाले ऐसे नेताओं को आरएलपी के साथ जोड़ने की तैयारी चल रही है।
मेवाड़ पर लगातार फोकस करने की रणनीति, कांग्रेस-बीजेपी के समीकरण बिगड़ेंगे
आरएलपी की रणनीति अब मेवाड़ में लगातार काम करके साल भर में संगठन तैयार करने पर है। पिछले चुनावों में चित्तौड़गढ़ के कपासन से आरएलपी ने अच्छे वोट लिए थे। उपचुनाव में राजसमंद और सहाड़ा से भी उम्मीदवार उतारे थे। आगे पूरे मेवाड़ में उम्मीदवार उतारने की तैयारी है। आरएलपी के मेवाड़ में संगठन तैयार करके मजबूत होने से अगले चुनावों में कई जगह कांग्रेस और बीजेपी के समीकरण बिगड़ेंगे।
हनुमान बेनीवाल ने 2018 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी का गठन किया था। आरएलपी ने विधानसभा चुनाव में 3 सीटें जीती। बेनीवाल ने बीजेपी से गठबंधन करके नागौर से सासंद का चुनाव जीता। उपचुनाव में उनके भाई नारायण बेनीवाल जीतने में कामयाब रहे। किसान आंदोलन के मुद्दे पर बीजेपी से गठबंधन टूट चुका है।
मेवाड़ में नए जातीय और सियासी समीकरण से जगह बनाने की रणनीति
मेवाड़ में अब तक सियासी रूप से हाशिए पर रही जातियों पर बेनीवाल की पार्टी ने फोकस किया है। नई तरह की सोशल इंजीनियरिंग के सहारे आरएलपी अपना स्पेस बनाने की कोशिश में है। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हम केवल चुनाव लड़कर बाकी नेताओं की तरह गायब नहीं होंगे। आरएलपी के नेता मेवाड़ की जनता के दुख दर्द में हमेशा साथ खड़े रहेंगे। कांग्रेस-बीजेपी के नेताओं की मिलीभगत ने इस इलाके का बहुत नुकसान किया है। हम हरदम इस क्षेत्र की जनता के साथ खड़े रहेंगे। 2023 का चुनाव मजबूती से सभी सीटों पर लड़ेंगे।
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