Men Injustice : पतियों पर हर साल झूठे आरोप: आंकड़े और सच्चाई
Men Injustice , हर साल भारत सहित कई देशों में हजारों पति अपनी पत्नियों द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों का शिकार बनते हैं। इनमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना,
Men Injustice ; झूठे आरोपों का शिकार बनते पति: समस्या का बढ़ता स्वरूप
Men Injustice , हर साल भारत सहित कई देशों में हजारों पति अपनी पत्नियों द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों का शिकार बनते हैं। इनमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, और अन्य कानूनी मामले शामिल हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) और अन्य स्वतंत्र रिपोर्ट्स इस समस्या के गंभीरता को उजागर करती हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
- दहेज प्रताड़ना के झूठे आरोप (धारा 498A)
- NCRB के आंकड़ों के अनुसार, हर साल दर्ज होने वाले दहेज प्रताड़ना मामलों में लगभग 70-80% मामले कोर्ट में झूठे साबित होते हैं।
- 2023 में, करीब 1,24,000 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 60-65% पतियों ने आरोपों को झूठा बताया।
- घरेलू हिंसा के झूठे आरोप (DV Act)
- घरेलू हिंसा अधिनियम (DV Act) के तहत, लगभग 40% मामलों में अदालत ने पाया कि आरोपों में कोई ठोस सबूत नहीं था।
- झूठे बलात्कार के आरोप
- बलात्कार के झूठे आरोपों का आंकड़ा भी चिंताजनक है। पिछले कुछ वर्षों में अदालतों ने पाया कि लगभग 15-20% मामलों में आरोप झूठे थे।
झूठे आरोपों के पीछे की वजहें
- विवाहिक विवाद
- घरेलू कलह और पारिवारिक मतभेद अक्सर झूठे आरोपों में बदल जाते हैं।
- ब्लैकमेल और बदला
- कई मामलों में पत्नियां अपने पतियों को ब्लैकमेल करने या बदला लेने के लिए कानूनी हथियारों का दुरुपयोग करती हैं।
- कानून का गलत इस्तेमाल
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का कुछ महिलाएं अपने निजी स्वार्थ के लिए दुरुपयोग करती हैं।
Injustice , झूठे आरोपों का पतियों पर प्रभाव
- मानसिक और शारीरिक तनाव
- पतियों को अपमान और सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है।
- कई पुरुष डिप्रेशन में चले जाते हैं और आत्महत्या तक कर लेते हैं।
- NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में 1,20,000 पुरुषों ने आत्महत्या की, जिनमें से 25% से अधिक शादीशुदा थे।
- आर्थिक नुकसान
- झूठे आरोपों के चलते पतियों को कानूनी लड़ाई के लिए भारी खर्च उठाना पड़ता है।
- पारिवारिक विघटन
- झूठे आरोपों से कई बार परिवार टूट जाते हैं, और बच्चों को भी मानसिक आघात सहना पड़ता है।
समाधान: झूठे आरोपों को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?
- कानून में संशोधन
- दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए न्यायिक सुधार की आवश्यकता है।
- फर्जी मामलों पर सख्त कार्रवाई
- झूठे आरोप साबित होने पर शिकायतकर्ता के खिलाफ कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
- मध्यस्थता और काउंसलिंग
- पारिवारिक विवादों को हल करने के लिए काउंसलिंग और मध्यस्थता का प्रावधान होना चाहिए।
- पुरुषों के लिए हेल्पलाइन और समर्थन
- पुरुषों के लिए हेल्पलाइन और समर्थन समूह स्थापित किए जाने चाहिए।
Injustice , विश्व स्तर पर पतियों पर झूठे आरोपों की स्थिति
विश्व स्तर पर, पतियों पर झूठे आरोपों का प्रतिशत भारत की तुलना में कम है, लेकिन यह समस्या विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देशों में मौजूद है।
- दहेज और घरेलू हिंसा के झूठे आरोप
- अमेरिका, यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों में पतियों पर झूठे घरेलू हिंसा के आरोपों का प्रतिशत 10-15% है।
- कई रिपोर्ट्स से पता चलता है कि महिलाओं द्वारा तलाक के दौरान अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए झूठे आरोप लगाए जाते हैं।
- बलात्कार और यौन उत्पीड़न
- पश्चिमी देशों में बलात्कार के झूठे आरोपों का प्रतिशत 5-10% के बीच है।
- यूनाइटेड नेशंस (UN) और अन्य स्वतंत्र संगठनों की रिपोर्ट इस आंकड़े की पुष्टि करती है।
भारत और विश्व स्तर पर तुलना (Percentage)
मुद्दा | भारत | विश्व स्तर पर |
---|---|---|
दहेज प्रताड़ना | 70-80% | डेटा उपलब्ध नहीं (दहेज कानून मौजूद नहीं) |
घरेलू हिंसा | 40% | 10-15% |
बलात्कार और यौन उत्पीड़न | 15-20% | 5-10% |
कारण
- कानूनी दुरुपयोग
- भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का गलत इस्तेमाल बढ़ा है।
- सामाजिक दबाव
- विश्व स्तर पर भी तलाक और वित्तीय विवादों के चलते झूठे आरोपों की घटनाएं होती हैं।
- कानून की असमानता
- भारत में पुरुषों के लिए कोई ठोस कानूनी सुरक्षा तंत्र नहीं है।
यहाँ पुरुषों के लिए कुछ कानूनी प्रावधान हैं:
- दहेज प्रताड़ना (498A IPC)
- यह कानून महिलाओं को दहेज के लिए उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया है, लेकिन इसका दुरुपयोग भी किया जाता है। इसमें पतियों और उनके परिवार के खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा सकते हैं। हालांकि, इस प्रावधान के तहत पुरुषों के पास भी कानूनी अधिकार हैं, लेकिन आरोपों के बाद उनका जीवन बहुत कठिन हो जाता है।
- घरेलू हिंसा (Domestic Violence Act, 2005)
- यह कानून घरेलू हिंसा से महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन पुरुषों के लिए कोई विशेष कानूनी प्रावधान नहीं है, जो उन्हें घरेलू हिंसा से बचाए। कुछ पुरुषों ने आरोप लगाया है कि यह कानून अक्सर महिलाओं के द्वारा गलत तरीके से दुरुपयोग किया जाता है।
- आत्महत्या और मानसिक तनाव
- पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के मामलों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। 2022 में, लगभग 1,20,000 पुरुषों ने आत्महत्या की, जिनमें से अधिकतर घरेलू संघर्ष या विवाहिक समस्याओं के कारण थे।
- संविधान में अधिकार
- भारतीय संविधान के तहत, सभी नागरिकों को समान अधिकार हैं, लेकिन खासकर पुरुषों के लिए कोई विशेष सुरक्षा या कल्याणकारी योजनाएं नहीं हैं।
विश्व में पुरुषों के अधिकारों और सुरक्षा के कानून
विश्व स्तर पर, कुछ देशों ने पुरुषों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए हैं। हालांकि, अभी भी अधिकांश देशों में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए अधिक कानून हैं, पुरुषों के अधिकारों के लिए बहुत कम विशेष कानून हैं।
- स्वीडन
- स्वीडन एक ऐसा देश है, जहाँ पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त हैं। यहाँ पुरुषों के लिए पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) का प्रावधान है, जिसमें पुरुषों को भी बच्चे के जन्म के बाद अवकाश मिलता है।
- स्वीडन में घरेलू हिंसा के मामलों में दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा मिलती है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी पक्ष दुरुपयोग का शिकार न हो।
- नॉर्वे
- नॉर्वे में पुरुषों के अधिकारों के लिए विशेष कानून बनाए गए हैं, जैसे पितृत्व अवकाश और लैंगिक समानता कानून। यहाँ पुरुषों को भी मातृत्व अवकाश का हक है।
- घरेलू हिंसा के मामलों में नॉर्वे में पुरुषों को भी कानूनी संरक्षण प्राप्त है और परिवारिक विवादों में न्याय दिया जाता है।
- फिनलैंड
- फिनलैंड में पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। यहाँ पर पारिवारिक कानून और घरेलू हिंसा कानून में दोनों पक्षों को समान रूप से सुरक्षा मिलती है।
- फिनलैंड में पुरुषों के लिए पितृत्व अवकाश और घरेलू हिंसा से बचाव के अधिकार लागू हैं।
- ऑस्ट्रेलिया
- ऑस्ट्रेलिया में पुरुषों के खिलाफ घरेलू हिंसा को रोकने के लिए कई कार्यक्रम हैं। यहाँ पुरुषों के लिए भी घरेलू हिंसा संरक्षण आदेश (DVO) और पारिवारिक विवाद समाधान के लिए कानून बनाए गए हैं।
- ऑस्ट्रेलिया में पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष सेवाएं भी दी जाती हैं।
- यूनाइटेड किंगडम
- यूके में घरेलू हिंसा (Domestic Violence Act) के तहत दोनों लिंगों को सुरक्षा प्रदान की जाती है।
- यहां पर पुरुषों के लिए विशेष मदद और समर्थन सेवाएं उपलब्ध हैं, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य और कानूनी सहायता शामिल हैं।
- अमेरिका
- अमेरिका में भी घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के खिलाफ कानून हैं जो महिलाओं और पुरुषों दोनों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- कई राज्यों में पुरुषों के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता और आत्महत्या रोकथाम कार्यक्रम उपलब्ध हैं।
- पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) का प्रावधान भी अमेरिका के कुछ राज्यों में है, जहां पुरुषों को भी बच्चे के जन्म के बाद छुट्टियां मिलती हैं।
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Injustice ,झूठे आरोप न केवल पतियों के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए हानिकारक होते हैं। इस मुद्दे पर समाज और कानून को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। कानूनी तंत्र को इस तरह से विकसित किया जाना चाहिए कि वह झूठे आरोपों की पहचान कर सके और पीड़ित पतियों को न्याय प्रदान कर सके।