जम्मू-कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक से पहले महबूबा मुफ्ती का विरोध, की ये मांग
श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) पर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की बैठक से पहले पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का विरोध शुरू हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार डोगरा फ्रंट ने जम्मू में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. एक प्रदर्शनकारी ने कहा ‘यह विरोध मुफ्ती के उस बयान के खिलाफ है जो उन्होंने गुपकर की बैठक के बाद दिया था कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे में हिस्सेदार है. उन्हें जेल होनी चाहिए.’
पाकिस्तान सहित सभी के साथ बातचीत करने संबंधी महबूबा की मांग के परोक्ष संदर्भ में भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींदर रैना ने भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों का पक्षधर रहा है जिसे उसकी कमजोरी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘बातचीत और बंदूकें एक साथ नहीं चल सकतीं.’
जम्मू-कश्मीर के बीजेपी चीफ ने मुफ्ती के बयान पर दी प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा कि भारत नेपाल, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान और अन्य देशों के साथ बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करता है. उन्होंने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, उसने भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ रखा है लेकिन वह अपने मंसूबों में कभी सफल नहीं होगा. बातचीत के जरिये विश्वास विकसित किया जा सकता है लेकिन पाकिस्तान ने भारत के साथ अच्छे संबंध रखने के लिए कभी भी अपनी ईमानदारी नहीं दिखाई है.’
हाल ही में मुफ्ती ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को बहाल किए बगैर जम्मू-कश्मीर के मुद्दा का समाधान नहीं किया जा सकता और जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा था कि सर्वदलीय बैठक से पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा रद्द करने के ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ कदम को वापस लिए बगैर क्षेत्र में शांति बहाल नहीं हो सकती. गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) की एक बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान वह जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए जोर देंगी, जिसे ‘हमसे छीन लिया गया है.’पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख ने कहा था, ‘गठबंधन का एजेंडा यह है कि जो कुछ हमसे छीन लिया गया है, हम उस पर यह बातचीत करेंगे. यह एक गलती थी, यह अवैध तथा असंवैधानिक था. जम्मू कश्मीर के मुद्दे का हल किये बगैर जम्मू कश्मीर और पूरे क्षेत्र में शांति बहाल नहीं हो सकती. ’ महबूबा के साथ गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सहित इसके अन्य नेता भी थे.