काले कृषि कानूनों के खिलाफ निर्णायक साबित होगी मेरठ की महापंचायत : दिलीप पांडेय
अन्नदाता मोदी सरकार के तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ करीब 3 महीने से धरने पर हैं। 200 से ज्यादा किसानों का इस आंदोलन में बलिदान हो चुका है। इसके बाद भी सरकार कुछ पूजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए इन कानूनों को लागू करने पर तुली हुई है। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों की लड़ाई के क्रम में 28 फरवरी को मेरठ में होने जा रही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की महापंचायत निर्णायक सिद्ध होगी। ये बातें आम आदमी पार्टी के नेता तिमारपुर के विधायक दिलीप पांडेय ने गुरुवार को गाजियाबाद और बड़ोत के गांवों में किसानों के साथ बैठक के दौरान कहीं।
वह किसानों को महापंचायत का न्योता देने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले दिन से ही किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों को बिजली पानी से लेकर वाईफाई तक की सुविधा मुहैया कराकर यह साबित भी किया। हमारे सांसदों ने सदन में तीनों काले कानून का विरोध करते हुए इसकी प्रतियां भी फाड़ी। इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चंद पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार इन कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। किसानों की बातें अनसुनी करने पर तुली सरकार के कानों में उनकी मांग गूंजे इसके लिए मेरठ में केजरीवाल उनकी आवाज उठाएंगे। इन कानूनों के लागू होने से किसान अपने खेत में मजदूर हो जाएगा। असीमित भंडारण के नाम पर किसानों की फसल औने पौने दाम पर खरीद कर बड़े उद्योगपति बाद में उसे ऊंची कीमत पर बेचेंगे। इससे महंगाई भी बढ़ेगी। दिलीप पांडेय ने बड़ोत के बाबली और गाजियाबाद के तोड़ी, नहाली व शिकरोड़ा गांव ने किसानों के साथ बैठक करके उन्हें महापंचायत में आने का न्योता दिया। किसानों ने भारी संख्या में महापंचायत में पहुंचने का भरोसा दिया।