“मीडिया और सूचना मंत्रालय का नया Broadcasting Bill पर ‘विस्तृत परामर्श’ का फैसला: नए विधेयक की संभावना पर सस्पेंस”
एक अज्ञात वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यदि मंत्रालय इस प्रक्रिया के दौरान पाता है कि मौजूदा विधेयक में सुधार की संभावनाएँ हैं, तो वे एक नया विधेयक पेश करने के बजाय मौजूदा विधेयक को संशोधित कर सकते हैं।
हाल ही में कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें बताया गया है कि भारत के मीडिया और सूचना मंत्रालय (@MIB_India) ने अपने नए #BroadcastingBill पर “विस्तृत परामर्श” आयोजित करने की योजना बनाई है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है, जिसमें सरकारी अधिकारियों के अनुसार मंत्रालय एक नया विधेयक पेश करने के बजाय मौजूदा विधेयक में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस बात की पुष्टि की कि वे व्यापक स्तर पर हितधारकों, मीडिया संगठनों, और अन्य संबंधित पक्षों से फीडबैक लेंगे। यह परामर्श प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए है कि नए विधेयक में सभी पक्षों की चिंताओं और सुझावों को शामिल किया जा सके, ताकि यह विधेयक सभी के लिए स्वीकार्य हो और मीडिया के क्षेत्र में आवश्यक सुधार ला सके।
एक अज्ञात वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यदि मंत्रालय इस प्रक्रिया के दौरान पाता है कि मौजूदा विधेयक में सुधार की संभावनाएँ हैं, तो वे एक नया विधेयक पेश करने के बजाय मौजूदा विधेयक को संशोधित कर सकते हैं। इस तरह की स्थिति में, मंत्रालय का प्राथमिक उद्देश्य होगा कि मौजूदा विधेयक को सभी आवश्यक सुधारों और अपडेट के साथ लागू किया जा सके, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की कानूनी और प्रबंधन संबंधी समस्याओं को टाला जा सके।
मंत्रालय का यह निर्णय संभावित रूप से मीडिया उद्योग में सुधार और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। परामर्श प्रक्रिया के दौरान जुटाए गए फीडबैक के आधार पर, मंत्रालय यह तय करेगा कि क्या मौजूदा विधेयक में संशोधन करना बेहतर होगा या एक नया विधेयक प्रस्तुत करना आवश्यक है।
इस बीच, मीडिया संगठनों और संबंधित पक्षों ने मंत्रालय की इस पहल का स्वागत किया है और उन्होंने इस प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता और व्यापक परामर्श की उम्मीद जताई है। वे आशा करते हैं कि इस प्रक्रिया से एक ऐसा विधेयक सामने आएगा जो मीडिया के वर्तमान परिदृश्य को बेहतर ढंग से संबोधित कर सके और सभी हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
मीडिया और सूचना मंत्रालय की यह पहल इस बात को स्पष्ट करती है कि सरकार मीडिया क्षेत्र के नियमन में सुधार लाने के लिए गंभीर है और इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए तैयार है। आने वाले दिनों में, परामर्श प्रक्रिया के परिणाम और इसके आधार पर संभावित विधेयक के स्वरूप के बारे में अधिक जानकारी सामने आ सकती है।