MCD New Mayor: AAP के महेश कुमार खींची बने नए मेयर, BJP को..
MCD महेश कुमार खींची ने दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार किशन लाल को तीन वोटों के मामूली अंतर से हराया।
MCD New Mayor महेश कुमार खींची का परिचय
दिल्ली नगर निगम (MCD) के नए मेयर के रूप में महेश कुमार खींची ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के किशन लाल को हराया। महेश कुमार खींची 46 वर्ष के हैं और देव नगर वार्ड से पार्षद हैं, जो करोल बाग विधानसभा क्षेत्र में आता है। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज से स्नातक हैं और अनुसूचित जाति से आते हैं। MCD मेयर का यह तीसरा कार्यकाल अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित था, और इस कारण खींची की उम्मीदवारी महत्वपूर्ण थी।
निर्वाचन परिणाम
MCD महेश कुमार खींची ने दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार किशन लाल को तीन वोटों के मामूली अंतर से हराया। खींची को 133 वोट मिले, जबकि किशन लाल को 130 वोट मिले। इस मुकाबले में दो वोट अवैध घोषित किए गए। कुल मिलाकर, यह चुनाव बहुत ही नजदीकी था, जिसमें खींची ने बीजेपी के मजबूत प्रत्याशी को हराया।
कांग्रेस का अभूतपूर्व रवैया
चुनाव में कांग्रेस के आठ पार्षदों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया, जो उनके पक्ष से असहमति को दर्शाता है। कांग्रेस ने चुनाव के परिणामों को प्रभावित करने के बजाय निष्क्रिय भूमिका निभाई। इस घटना ने चुनाव की गिनती और इसके परिणाम को और भी दिलचस्प बना दिया।
क्रॉस वोटिंग का प्रभाव
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से क्रॉस वोटिंग भी देखने को मिली, जिससे पार्टी को कुछ नुकसान हुआ। इसके बावजूद,MCD महेश कुमार खींची ने दिल्ली नगर निगम के मेयर पद पर जीत हासिल की और आम आदमी पार्टी की सत्ता की बढ़त को बनाए रखा।
महेश कुमार खींची की जीत: AAP की रणनीति की सफलता
MCD New Mayorमहेश कुमार खींची की जीत को आम आदमी पार्टी (AAP) की रणनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। यह पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है, खासकर तब जब भाजपा के उम्मीदवार किशन लाल का समर्थन मजबूत था। खींची की जीत ने दिल्ली में AAP की पकड़ को मजबूत किया है और पार्टी की सामाजिक न्याय की नीति को भी स्वीकार्यता मिली है।
Nitish सबके हैं: बिहार की राजनीति में बदलाव
MCD महेश कुमार खींची का मेयर चुना जाना दिल्ली नगर निगम के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। तीन वोटों से जीते इस चुनाव ने यह भी साबित कर दिया कि दिल्ली की राजनीति में मामूली अंतर से भी सत्ता की दिशा बदल सकती है। खींची की जीत ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मजबूत कद को एक बार फिर से साबित किया है, और अब उनकी नजर आगामी चुनावों पर है, जहां पार्टी का उद्देश्य और भी बड़ी सफलता हासिल करना होगा।