देश के गरीबों का सारा पैसा अड़ानी के पास: बीएसपी सुप्रमो मायावती!
भारतीय रुपये की विश्व बाज़ार में लगातार गिरावट भले ही सरकार के प्रतिष्ठा से सीधे तौर पर न जुड़ी हो तथा लोगों को भी
देश में डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपया (Rupees) रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच चुका है. 28 सितंबर को यह लुढ़क कर डॉलर के मुकाबले 81.93 रुपए के स्तर पर पहुंच गया था. डॉलर के मुकाबले रुपए के गिरते स्तर के कारण विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार पर निशाना साध रही हैं. वहीं अब बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
मायावती ने ट्वीट कर निशाना साधते हुए पूछा, “सरकारी कृपादृष्टि के कारण भारत के उद्योगपतियों की निजी पूंजी में अभूतपूर्व वृद्धि होने से अब विश्व के धन्नासेठों में उनकी गिनती है, परन्तु देश में करीब 130 करोड़ गरीब व निम्न आय परिवारों के जीवन में थोड़ा भी सुधार नहीं होना अति-चिन्ता की बात. सरकार इस खाई को कैसे पाटेगी?”बसपा प्रमुख ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, “भारतीय रुपये के मूल्य में अनवरत गिरावट चुभने वाला संवेदनशील मुद्दा है. देश के विदेशी मुद्रा भण्डार में भी लगातार कमी की खबरें अब लोगों को विचलित करने लगी हैं. ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को संभालने में यहाँ के उद्योगपतियों व धन्नासेठों की भूमिका क्या है, देश जानने को इच्छुक.”
पहले भी सरकार पर साधा था निशाना
पहले भी मायावती ने ट्वीट कर निशाना साधा था. उन्होंने लिखा था, “भारतीय रुपये की विश्व बाज़ार में लगातार गिरावट भले ही सरकार के प्रतिष्ठा से सीधे तौर पर न जुड़ी हो तथा लोगों को भी इसकी खास चिन्ता न हो, किन्तु इससे देश की अर्थव्यवस्था चरमराती है व मनोबल भी टूटता है. सरकार महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की तरह रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न ले.”
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “विदेशी मुद्रा भण्डार के भी घटकर दो साल के निचले स्तर पर आ जाने की ख़बर सुर्ख़ियों में है व रिजर्व बैंक व अन्य सभी चिन्तित व व्याकुल. इसलिए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों व प्राथमिकताओं का इसे दोष मानने के आरोप-प्रत्यारोप में न उलझ कर इस ओर त्वरित प्रभावी कदम उठाने की जरूरत.”