राहुल गांधी के वीडियो को मायावती ने कहा नाटक, कहां पहले कि कांग्रेस प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के जिम्मेदार
देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अब तक भारत में 125000 से भी ज्यादा कोरोनावायरस संक्रमित मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि भारत सरकार इस घातक वायरस को रोकने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों में से एक लॉक डाउन है। देश में चौथी बार लॉक डाउन किया गया है हालांकि इस दौरान भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं। वही लॉक डाउन से सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को ही हुई है। ऐसे में आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों से बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। इस वीडियो में उन्होंने 16 मई को सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास मजदूरी से जो बात की थी वह डाली है।
वहीं अब बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी पर इस वीडियो को लेकर निशाना साधा है। मायावती ने इस वीडियो को एक नाटक करार दिया है।वहीं मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट कर राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि पहले की कांग्रेस सरकार श्रमिकों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि ‘आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लंबे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव/शहरों में की गई होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ता?’
दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा है कि, ‘वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है. कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।’
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, ‘साथ ही, बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी.’
मायावती ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि, ‘बीएसपी के लोगों से भी पुनः अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गांवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है, ऐसे लोगों को अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें. मजलूम ही मजलूम की सही मदद कर सकता है.’