2024 लोकसभा चुनाव से पहले मायावती का अखिलेश के खिलाफ बड़ा दाव !

साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) की तैयारी सभी दलों ने शुरू कर दी है. इस काम में बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी ध्यान देना शुरू कर दिया है.

साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) की तैयारी सभी दलों ने शुरू कर दी है. इस काम में बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी ध्यान देना शुरू कर दिया है. बसपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अब नए सदस्य बनाने पर जोर देगी. बसपा ने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 10 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है.उसकी योजना लोकसभा चुनाव से पहले 40 लाख नए सदस्य बनाने की है.

मायावती ने किसे सौंपी है जिम्मेदारी

पार्टी की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सदस्यता अभियान की जिम्मेदारी विधानसभा अध्यक्षों से लेकर सेक्टर प्रभारियों तक को सौंपी है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण के दौरान इस बात का भी आकलन किया जाएगा कि किसने कितने सदस्य बनाए हैं.

बसपा ने पिछला लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. लेकिन अगले लोकसभा चुनाव बसपा ने अकेले लड़ने की घोषणा की है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा करीब ढाई दशक बाद एक साथ आए थे. लेकिन दोनों दलों का गठबंधन कोई कमाल नहीं कर पाया था. सपा ने पांच और बसपा ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बसपा के लिए यह जीत बड़ी थी, क्योंकि 2014 के चुनाव में वह कोई सीट नहीं जीत पाई थी.इस चुनाव के बाद बसपा ने सपा से अपने रास्ते अलग कर लिए थे. मायावती ने आरोप लगाया था कि सपा का वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुआ.

 

विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन

वहीं इस साल के शुरू में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा है. उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार चला चुकी बसपा केवल एक सीट ही जीत पाई.यह चुनाव बसपा ने अकेले के दम पर सभी विधानसभा सीटों पर लड़ा था.

अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सक्रिय हैं. ये नेता विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन इनमें से किसी भी नेता ने मायावती से मुलाकात नहीं की है. वहीं सपा ने घोषणा कर दी है कि वह लोकसभा चुनाव अपने गठबंधन सहयोगियों से मिलकर लड़ेगी. लेकिन बसपा या कांग्रेस से समझौता नहीं करेगी.

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