मथुरा वृंदावन के पुरातन स्वरूप को वापस लायेंगे: श्रीकांत

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने रविवार को कहा कि पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के प्रयासों और मथुरा-वृंदावन के पुरातन स्वरूप को लौटाकर ‘नये मथुरा-वृंदावन’ के निर्माण के संकल्प को पूरा किया जा रहा है।
शर्मा ने वृंदावन कुंभ के समापन अवसर पर यमुना से सटे 190 एकड़ कुंभ क्षेत्र को भविष्य के लिए संरक्षित करने का कार्य 15 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिये। इसमें 40 एकड़ कुंभ क्षेत्र को संरक्षित करने का कार्य पूरा हो चुका है। शेष कार्य डीएम को अप्रैल मध्य तक पूरा करवाने के लिए कहा। साथ ही विकास कार्यों व पर्यावरण संरक्षण के कार्यों की कमिश्नर को सतत समीक्षा करेंगे।

ऊर्जा मंत्री ने पूज्य संतों का शॉल और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। योगदान के लिए मेला प्रबंधन और स्वच्छता दूतों को प्रशंसा पत्र दिए।

उन्होने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में यमुना शुद्धिकरण के लिए यमुना में गिरने वाले 35 नालों की टैपिंग का कार्य पूरा हो जाएगा। यमुना के किनारे 190 एकड़ भूमि संरक्षित करने के साथ ही शहर में मौजूद 1350 हेक्टेयर भूमि और यमुना के दोनों किनारों पर फलदार वृक्ष भी लगाये जायेंगे। जिले में करीब 350 छोटे बड़े कुंडों में जलभराव और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। गिरिराज जी की तलहटी के कुंडों के विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं।

काली दह सरोवर और सुनरख में यमुना किनारे 450 एकड़ में सौभरि वन विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। यह एशिया के सबसे बड़े अर्बन पार्क में शुमार होगा।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ठाकुर श्री बांके बिहारी जी और माँ यमुना की कृपा, पूज्य संतों के आशीर्वाद, श्रद्धालुओं के सहयोग और आप सबके समर्पण से कुंभ का यह अभूतपूर्व आयोजन सफल रहा। इस ऐतिहासिक आयोजन को भव्य, दिव्य और सुरक्षित बनाने में अच्छा विभागीय समन्वय रहा। ऐसे ही समन्वय से यमुना शुद्धिकरण, कुंभ क्षेत्र के संरक्षण, घाटों के विकास और पर्यावरण संरक्षण के शेष कार्यों को तेजी से पूरा करना है।

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