खतरे के साएं में जी रहें हैं कोराना फाइटर्स, महोबा के सफाई कर्मियों को नहीं दिए गए मास्क और सैनिटाइजर
कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए जहां हर व्यक्ति द्वारा मास्क सेनीटाइजर और ग्लव्स का सहारा लिया जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में सुरक्षा के मानकों को ताक पर रख कर अफसरानों के हुक्म की तामीर की जा रही है। नगर पालिका महोबा के सफाई कर्मियों को कोरोना फाइर्टस के ताज से नवाजा तो जा चुका है तो वहीं सुरक्षा के नाम पर इन फाइटर्स को मूलभूत सुविधाए भी मुहैया नही कराई गयीं हैं।
जनपद महोबा में सफाई कर्मियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पालिका प्रशासन द्वारा इनके प्रति बरती जाने वाली हीला हवाली के चलते कोरोना फाइटर्स खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं। मास्क सेनेटाइजर और नंगे पैरो को संक्रमण से बचाने में काम आने वाले बूट जैसी सुविधाएं पालिका प्रशासन द्वारा इन्हें अभी तक उपलब्ध नही कराई गयीं हैं। जिले में काबिज हुक्मरानों द्वारा भले ही इनके प्रति सुरक्षा के पुख्ता इंतेजामात की बात कही जा रही है लेकिन नंगी आंखों से देखने पर ये सारे दाव खोखले नजर आ रहें हैं। सफाई कर्मियों को न तो अभी तक मास्क और हैंड ग्लव्स उपलब्ध कराए गए हैं और ना ही नंगे पैरों को संक्रमण से दूर रखने के लिए बूट का कोई प्रबंध किया गया है। शासन स्तर से आए सुरक्षा के फरमानों को ताक पर रख कर इनसे सफाई का काम लिया जा रहा है। जिसके चलते भविष्य में इन्हे गंभीर बीमारी का सामना भी करना पड़ सकता है। कुल मिलाकर अगर कहें तो जिले में काबिज अफसरान अपनी सुरक्षा को लेकर खासे गंभीर दिखाई पड़तें हैं तो वहीं इन कोरोना वारियर्स की सुध लेना भी मुनासिब नही समझा जा रहा है। मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर खड़े इन सफाई कर्मचारियों को सीधे तौर पर नजर अंदाज किए जाने के चलते पालिका प्रशासन सवालों के घेरे में जा पहुचा है।