Parliament के सातवें दिन लोकसभा और राज्यसभा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा

Parliament के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन लोकसभा और राज्यसभा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें विधायी मामलों, राज्य-विशेष चुनौतियों

Parliament के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन लोकसभा और राज्यसभा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें विधायी मामलों, राज्य-विशेष चुनौतियों और राष्ट्रीय नीतियों पर बहस शामिल रही। यहां इसका संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत है:

Parliament लोकसभा की मुख्य बातें:

विचार के लिए विधेयक:

  1. बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024: बैंक खातों के लिए नामांकित विकल्पों का विस्तार, डायरेक्टर्स के लिए “महत्वपूर्ण हित” की परिभाषा का पुनर्निर्धारण और प्रमुख बैंकिंग कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव।
  2. रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024: रेलवे बोर्ड को वैधानिक शक्तियां प्रदान करने, कानूनी ढांचे को सुव्यवस्थित करने और भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम के प्रावधानों को शामिल करने का उद्देश्य।

संभल हिंसा पर चर्चा:

  • अखिलेश यादव ने इसे “सोची-समझी साजिश” बताया, जिसमें उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग का आरोप लगाया। कांग्रेस ने न्याय की मांग करते हुए उनके रुख का समर्थन किया।

शून्यकाल में उठाए गए मुद्दे:

  • तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल से फसल क्षति, रबी मौसम के दौरान डीएपी की कमी, और आलू को लेकर अंतर्राज्यीय व्यापार विवाद।

वाकआउट और बाधाएं:

  • प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने पीएम-किसान और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसे मुद्दों पर असंतोषजनक जवाबों को लेकर वाकआउट किया।

Parliament राज्यसभा की मुख्य बातें:

विधायी फोकस:

  1. तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024: तेल और गैस उत्पादन में नीति स्थिरता के लिए।
  2. भारतीय वायुवान विधेयक, 2024: 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलते हुए विमानन नियमों को सरल बनाने के लिए।

चक्रवात फेंगल राहत की मांग:

  • तमिलनाडु के Parliament सांसदों ने चक्रवात से हुए नुकसान और क्षति के समाधान के लिए केंद्र से तत्काल सहायता की अपील की।

मनरेगा में आधार लिंकिंग:

  • आधार आधारित भुगतान प्रणाली के बाद लाभार्थियों को हटाने पर चिंता व्यक्त की गई, जिसमें विपक्ष ने पारदर्शिता और निष्पक्षता में कमी का आरोप लगाया।

पोषण जागरूकता की वकालत:

  • मिलिंद देवड़ा ने खाद्य उत्पादों पर स्वास्थ्य आधारित “न्यूट्री-कोड सिस्टम” की मांग की और चीनी की तुलना “नए तंबाकू” से की।

मुख्य अवलोकन:

  • विपक्ष की एकता स्पष्ट रूप से दिखी, जिसमें अदाणी मुद्दे और राज्य-विशेष चिंताओं पर सामूहिक विरोध शामिल रहा।
  • सरकार कल्याणकारी योजनाओं के लिए कम आवंटन, फंड ट्रांसफर में देरी और राहत उपायों की जवाबदेही को लेकर सवालों के घेरे में रही।
  • विधायी एजेंडा आधुनिक नियामक ढांचे और प्रणालीगत कमियों को दूर करने का मिश्रण दर्शाता है।

Parliament सत्र शासन, नीति बहस और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच गतिशीलता को दर्शाता है, जिसमें प्रमुख विधेयक और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे केंद्र में हैं।

Related Articles

Back to top button