पाकिस्तान के बंदूक के जवाब में डंडे का सहारा लेना ग़लत नहीं: मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि यदि पाकिस्तान राज्य को बंद करने के लिए आतंक का सहारा लेता है तो इसके मुक़ाबले के लिए डंडे का सहारा लेने में कोई बुराई नहीं है.
मनोज सिन्हा ने यह भी दावा किया है कि विशेष दर्जा ख़त्म करने की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर कोई बल प्रयोग नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा है कि वे जब तक राज्य के उपराज्यपाल रहेंगे, तब तक इस बात पर कोई समझौता नहीं होगा.

 

मनोज सिन्हा ने बताया, “लोगों ने मुझसे कहा कि राज्य में 5 अगस्त को बंदी होगी. लेकिन भगवान की कृपा से, ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद, एक पत्रकार ने मुझसे कहा कि बंदी न हो यह तय करने के लिए हमने लाठी का सहारा लिया. इस पर मैंने कहा कि उस दिन ट्रैफिक व्यवस्था सामान्य थी और लोग बड़ी संख्या में शॉपिंग कर रहे थे. ये सब डंडे के सहारे नहीं हो सकता है. लेकिन यदि आप मानते हैं, तो इसे स्वीकार करता हूं. बंद भी तो पाकिस्तान और आतंकवाद की बंदूक से होता था. यदि मैंने डंडे का प्रयोग किया तो कुछ बुरा नहीं.”

मालूम हो कि केंद्र सरकार ने दो साल पहले 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 270 में संशोधन करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर दिया था.

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