Manoj Muntashir का पलटवार: “मेरे कारण किसी की रोजी-रोटी चल रही है, तो चलने दीजिए”
Manoj Muntashir के बीच एक विवाद तब शुरू हुआ जब कुमार विश्वास ने मुंतशिर की कविताओं और उनके कार्यों पर तंज कसा।
प्रसिद्ध कवि और गीतकार कुमार विश्वास और गीतकार Manoj Muntashir के बीच एक विवाद तब शुरू हुआ जब कुमार विश्वास ने मुंतशिर की कविताओं और उनके कार्यों पर तंज कसा। इसके बाद मनोज मुंतशिर ने एक टीवी चैनल के माध्यम से कुमार विश्वास के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “अरे भाई, मेरे कारण किसी की रोजी-रोटी चल रही है, तो चलने दीजिए।” उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी साधना और बजरंग बली की कृपा है, जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
Manoj Muntashir का जवाब
मनोज मुंतशिर ने अपने जवाब में विनम्रता के साथ स्पष्ट किया कि वह अपने काम में ईमानदारी और मेहनत से आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनकी वजह से किसी को रोजगार मिलता है या किसी की आजीविका चलती है, तो इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं है। यह उनका सौभाग्य है कि वह दूसरों के जीवन में कुछ योगदान कर पा रहे हैं। उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि वह किसी के तंज या आलोचना से विचलित नहीं होते, क्योंकि उनकी प्राथमिकता केवल अपना काम करना है।
बजरंग बली की कृपा का उल्लेख
Manoj Muntashir ने अपने बयान में बजरंग बली का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी कृपा से ही वह आज इस स्थान पर हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास जो भी सफलता और पहचान है, वह उनकी मेहनत के साथ-साथ ईश्वर के आशीर्वाद का फल है। उन्होंने यह भी कहा कि वह आलोचनाओं से घबराने वाले नहीं हैं, बल्कि उन्हें अपनी रचनात्मकता में सुधार करने के लिए प्रेरणा मिलती है।
विवाद का दूसरा पक्ष
कुमार विश्वास, जो अपनी बेहतरीन कविताओं और मंचीय प्रस्तुतियों के लिए जाने जाते हैं, ने मनोज मुंतशिर पर तंज कसते हुए उनके लेखन की शैली पर सवाल उठाए थे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी रचनाकार पर इस तरह की आलोचना हुई हो। साहित्यिक और रचनात्मक क्षेत्र में इस तरह के मतभेद आम बात हैं, लेकिन मनोज मुंतशिर का यह पलटवार उनकी साफगोई और आत्मविश्वास को दर्शाता है।
Manoj Muntashir की सफाई
मनोज मुंतशिर ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य साहित्य और सिनेमा में योगदान देना है। उन्होंने अपने आलोचकों से अपील की कि वे रचनात्मक आलोचना करें, ताकि वह और बेहतर काम कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनके काम से लोगों को रोजगार मिलता है और वह किसी के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, तो यह उनके लिए गर्व की बात है।
रचनात्मक क्षेत्र में आलोचना का महत्व
साहित्य और कला के क्षेत्र में आलोचना और प्रशंसा दोनों का बड़ा महत्व होता है। जहां आलोचना रचनाकार को अपनी कमियों को समझने और सुधारने का मौका देती है, वहीं प्रशंसा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। मनोज मुंतशिर ने इस विवाद में अपनी संयमित प्रतिक्रिया देकर यह दिखाया कि वह आलोचना को सकारात्मक दृष्टिकोण से लेते हैं।
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मनोज मुंतशिर और कुमार विश्वास के बीच चल रहे इस विवाद ने साहित्य और कला के क्षेत्र में चर्चा को जन्म दिया है। हालांकि, मनोज मुंतशिर का बयान उनकी विनम्रता और आत्मविश्वास को दर्शाता है। उन्होंने अपने शब्दों से यह संदेश दिया कि आलोचना का सामना करते हुए भी धैर्य और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना ही सच्ची सफलता का मार्ग है।