मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को दिया “LPG” का सुझाव
भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर टिपण्णी के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह(Manmohan Singh) ने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया है। देश को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एलपीजी (Liberalization, Privatization, Globalization) की नीतियों पर आधारित आर्थिक सुधार जारी रखकर ही रणनीति बनाने की हिदायत दी है। जेके लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय में इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय, निर्वाचन आयोग, कैग, सीबीआई, सतर्कता आयोग, सूचना आयोग जैसे संस्थानों से अपेक्षा रहती है कि वे संविधान के ढांचे के भीतर स्वतंत्र रूप से काम करेंगे।
जयपुर में एक निजी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था(Indian Economy) को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि इस समय हमारी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती दिख रही है। जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आ रही है, निवेश की दर स्थिर है। किसान संकट में हैं। बैंकिंग प्रणाली संकट का सामना कर रही है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। भारत को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए देश को एक अच्छी तरह से सोची-समझी रणनीति की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को टैक्स आतंकवाद रोकना चाहिए, भिन्न विचारों की आवाजों का सम्मान करना चाहिए और सरकार के हर स्तर पर संतुलन बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखना समय की मांग है। उन्होंने कहा, “हमें हमेशा अपराध और भ्रष्टाचार को कम करने, विधिसम्मत शासन को मजबूत करने तथा विकास के एक इंजन के रूप में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाने के उद्देश्य से काम करना चाहिए।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अधिनायकवादी शासन की अपेक्षा व्यावहारिक लोकतंत्र का निश्चित तौर पर लाभ होता है। उन्होंने आर्थिक विकास के मामले में चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह के देशों में जहां नागरिकों को प्राथमिक तौर पर आर्थिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित रखने को कहा जाता है और एक ऐसा वातावरण तैयार कर दिया जाता है जहां निजी आजादी की कुर्बानी को सही ठहरा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि जैसे-जैसे आय बढ़ने लगती है वैसे ही समाज की आकांक्षाएं भी बदलने लगती हैं और अंतिम रूप से लोग लोकतांत्रिक ढांचा चाहने लगते हैं।
देश को सिद्धांतवादी, ज्ञानी और दूरदर्शी नेताओं की जरूरत
वहीँ देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की वकालत करते हुए राजस्थान से राज्यसभा सदस्य मनमोहन सिंह ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आने वाले समय में देश को सिद्धांतवादी, ज्ञानी और दूरदर्शी नेताओं की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति संविधान में निहित है और राजनीतिक दलों को संविधान में उल्लेखित मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता जतानी होगी। हमारी एकता बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि सरकार न्याय, स्वतंत्रता एवं समानता के साथ-साथ ऐसा वातावरण दे जो भिन्न विचारों का सम्मान करता हो। मनमोहन सिंह ने कहा कि हमें संसद और इसकी प्रक्रियाओं की सर्वोच्चता का सम्मान करना होगा। गौरतलब है कि जेके लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय के इस कार्यक्रम में उन्हें जेकेएलयू लॉरेट अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया है।