Manmohan Singh Last Rite : राजकीय सम्मान के साथ किया गया विदाई
Manmohan Singh का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर 2024 को राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनका अंतिम यात्रा कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई, जहाँ कांग्रेस नेताओं ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर फूलों से सजा वाहन में रखा गया था,
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. Manmohan Singh का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर 2024 को राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनका अंतिम यात्रा कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई, जहाँ कांग्रेस नेताओं ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर फूलों से सजा वाहन में रखा गया था, और उसे एक भव्य जुलूस के रूप में ले जाया गया। इस दौरान ‘मनमोहन सिंह अमर रहें’ के नारे गूंजते रहे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं और डॉ. सिंह के समर्थकों की बड़ी संख्या इस जुलूस में शामिल हुई।
स्लोगन और श्रद्धांजलि के बीच यात्रा
जुलूस के दौरान ‘जब तक सूरज चाँद रहेगा, तब तक तेरा नाम रहेगा’ के नारे भी लगाए गए। यह यात्रा कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होकर शमशान घाट की ओर बढ़ी। राहुल गांधी, जो कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्षी नेता हैं, इस यात्रा में उनके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शामिल हुए।
राजकीय सम्मान के साथ विदाई
Manmohan Singh के अंतिम संस्कार में पूरे देश के नेताओं, समाज के विभिन्न वर्गों और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति थी। उनका जीवन और योगदान भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र में अमूल्य था, और उन्हें सम्मान देने के लिए इस अंतिम यात्रा को राजकीय सम्मान के साथ आयोजित किया गया।
कांग्रेस नेताओं की श्रद्धांजलि
कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने डॉ. Manmohan Singh को श्रद्धांजलि अर्पित की। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और अन्य नेताओं ने उनके योगदान और कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद किया गया जिन्होंने भारतीय राजनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी नीतियों और दृष्टिकोण ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा किया।
Manmohan Singh की विरासत
Manmohan Singh ने भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए थे। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने के लिए आर्थिक सुधार, गरीबी उन्मूलन, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार शामिल हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद एक स्थिर अर्थव्यवस्था बनाए रखी।
समर्थकों का शोक
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से भारतीय राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा हुआ है। उनके निधन के साथ ही देश ने एक ऐसे नेता को खो दिया है जिनका जीवन भारतीय राजनीति के विकास के लिए समर्पित था। उनके समर्थक और अनुयायी आज भी उनकी नीतियों और कार्यों को याद करेंगे, जो उन्होंने देश के प्रति अपनी सेवा में किया।
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डॉ. Manmohan Singh का निधन एक अपूरणीय क्षति है, और उनकी अंतिम यात्रा ने उनके समर्पण और योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक अवसर दिया। उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई, और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।