Manmohan Singh — भारतीय Middle Class के Hero
Manmohan Singh , जिनका निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ, भारतीय मध्य वर्ग के विस्तार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेता थे। वे भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के प्रमुख वास्तुकार माने जाते हैं। 1991 में जब वे वित्त मंत्री बने,
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, Manmohan Singh , जिनका निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ, भारतीय मध्य वर्ग के विस्तार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेता थे। वे भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के प्रमुख वास्तुकार माने जाते हैं। 1991 में जब वे वित्त मंत्री बने, तो उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार से जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उनकी नीतियों के कारण भारत में न केवल अर्थव्यवस्था का चेहरा बदल, बल्कि करोड़ों भारतीयों के जीवन में सुधार आया, विशेष रूप से मध्य वर्ग के लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ।
आर्थिक उदारीकरण और मध्य वर्ग का विस्तार
Manmohan Singh ने 1991 में जब वित्त मंत्री के रूप में अपनी भूमिका शुरू की, तब भारत की अर्थव्यवस्था संकट में थी। उच्च वित्तीय घाटे, बढ़ती बेरोजगारी और निर्यात की गिरावट जैसी समस्याओं से जूझ रहे भारत को नए आर्थिक सुधारों की जरूरत थी। मनमोहन सिंह ने इन संकटों का सामना किया और आर्थिक उदारीकरण की दिशा में कई क्रांतिकारी कदम उठाए। उन्होंने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए व्यापार को मुक्त किया, औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया और सरकारी नियंत्रण को घटाया।
इन सुधारों के परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि हुई और एक मजबूत मध्य वर्ग का निर्माण हुआ। विशेष रूप से 2000 के दशक में, जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, भारतीय अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय वृद्धि की और मध्य वर्ग का आकार तेजी से बढ़ा। अधिक से अधिक लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे और उनके पास बेहतर जीवन की संभावनाएं आईं।
प्रधानमंत्री के रूप में भूमिका
2004 से 2014 तक, Manmohan Singh ने प्रधानमंत्री के रूप में भारतीय राजनीति में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने न केवल आर्थिक सुधारों का पालन किया, बल्कि सामाजिक कल्याण योजनाओं को भी मजबूत किया, जिससे गरीबों और कमजोर वर्गों को लाभ हुआ। उनके कार्यकाल में भारत ने कई वैश्विक संकटों का सामना किया, जैसे 2008 का वैश्विक वित्तीय संकट, लेकिन उनकी कुशल नेतृत्व के कारण भारत ने इन चुनौतियों को पार किया।
मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद, भारतीय मध्य वर्ग को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं में सुधार का अनुभव हुआ। इसके परिणामस्वरूप, देश में आर्थिक असमानता में कमी आई और बड़े पैमाने पर एक सशक्त मध्य वर्ग का निर्माण हुआ।
वैश्विक मान्यता और सम्मान
Manmohan Singh का कार्यकाल केवल भारतीय जनता के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी सराहा गया। उन्हें एक ईमानदार और दूरदर्शी नेता के रूप में जाना जाता था। उनके नेतृत्व में भारत ने एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई और वैश्विक मामलों में प्रभावशाली भूमिका निभाई।
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मनमोहन सिंह भारतीय मध्य वर्ग के लिए एक नायक थे। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाकर न केवल मध्य वर्ग के आकार को बढ़ाया, बल्कि इसके जीवन स्तर को भी बेहतर किया। उनके द्वारा किए गए सुधारों ने भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया और उन्होंने भारतीय जनता को समृद्धि और विकास की दिशा में प्रेरित किया। उनका योगदान हमेशा भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में याद रखा जाएगा।