‘मंजू माई’ नाखुश: Laapataa Ladies की OSCAR में ऑफिशियल एंट्री पर निराशा के कारण
फिल्म "लापता लेडीज़" ने दर्शकों और समीक्षकों दोनों से सराहना प्राप्त की है। इसकी कहानी महिलाओं की पहचान और उनके जीवन पर आधारित है, जो समाज में महत्वपूर्ण सवाल उठाती है।
लापता लेडीज़ (Laapataa Ladies) को ऑस्कर 2025 में भारत की आधिकारिक एंट्री मिली है, जो भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस बारे में घोषणा की, और पूरी कास्ट इस सफलता पर खुश है। लेकिन इस खुशी के बीच, फिल्म की एक प्रमुख कलाकार छाया कदम (Chhaya Kadam) नाखुश हैं।
छाया कदम का मानना है कि इस फिल्म का महत्व और संदेश काफी गहरा है, और उन्हें लगता है कि फिल्म की पूरी टीम को इस अवसर का समान रूप से सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब फिल्म को इतनी बड़ी पहचान मिल रही है, तो उसे लेकर सभी कलाकारों का एक समान योगदान होना चाहिए।
छाया ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कई बार ऐसे मौके पर केवल कुछ ही कलाकारों को ध्यान में रखा जाता है, जबकि बाकी की मेहनत को अनदेखा किया जाता है। उनका मानना है कि इस सफलता में सभी का योगदान है, और इसे साझा किया जाना चाहिए।
फिल्म “लापता लेडीज़” ने दर्शकों और समीक्षकों दोनों से सराहना प्राप्त की है। इसकी कहानी महिलाओं की पहचान और उनके जीवन पर आधारित है, जो समाज में महत्वपूर्ण सवाल उठाती है। छाया कदम की भावनाएँ इस बात का प्रतीक हैं कि कैसे हर कलाकार की मेहनत और योगदान को सराहा जाना चाहिए।
यह फिल्म न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी है। अब यह देखना होगा कि क्या छाया कदम के विचारों को लेकर कोई सकारात्मक बदलाव होगा या नहीं।