मनीष मर्डर केस: अपने ही जाल में फंस रही गोरखपुर पुलिस, SIT को मिले कई अहम सबूत
कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत कैसे हुई इसकी जांच तो जारी है पर इस बीच सूनी सड़क पर 11 किमी की दूरी 1.24 मिनट में तय कर घायल को मेडिकल कालेज में पहुंचाने पर पुलिस फंसती नजर आ रही है। आधी रात के समय पुलिसवालों ने मनीष गुप्ता को जितने समय में पहुंचाया था उससे तीन गुने कम समय यानी महज 27 मिनट में एसआईटी पहुंच गई थी वह शाम 5 बजे, जिस वक्त सड़क पर काफी ट्रैफिक होती है। एसआईटी ने अपनी जांच में यह सारे बिंदू शामिल किए हैं। देर होने के पीछे की वजह या तो पहले ही मनीष गुप्ता की मौत हो चुकी थी जिससे मेडिकल कालेज में दाखिल दिखाकर पुलिस महज अपनी खानापूर्ति में जुटी थी या फिर पुलिसवाले जानबूझ कर देरी कर रहे थे जिससे कि मनीष गुप्ता की मेडिकल कालेज ले जाने से पहले मौत हो जाए। कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता के मौत की गुत्थी सुलझा रही एसआईटी को होटल के कमरा नम्बर 512 के अलवा बाहर भी कदम-कदम पर लापरवाही के सबूत मिले हैं। सबसे अहम सबूत तो होटल कृष्णा पैलेस से मानसी हास्पिटल और फिर मेडिकल कालेज तक की दूरी को लेकर है। कृष्णा पैलेस होटल के अगल-बगल एक नहीं कई हास्पिटल मौजूद हैं पर पुलिसवाले घायल मनीष को वहां से करीब दो किमी दूर मानसी हास्पिटल में ले गए।
यह हास्पिटल फलमंडी चौकी के अन्तर्गत आता है और जेएन सिंह के अलावा जो दूसरा आरोपित अक्षय मिश्रा है वह इसी चौकी क्षेत्र का इंचार्ज है। यही वजह है कि वह अपने क्षेत्र के हास्पिटल में मनीष गुप्ता को लेकर पहुंचा था। हालांकि उन्हें मानसी हास्पिटल पहुंचने में दस मिनट लगे थे। वहीं सवाल यह भी है कि अगर वे होटल के पास के हास्पिटल में नहीं ले जा सकते थे तो कायदन उन्हें जिला अस्पताल या फिर मेडिकल कालेज ही सीधे लेकर जाना चाहिए था। हालांकि उन्होंने मेडिकल कालेज ले जाने का फैसला मानसी हास्पिटल के बाद किया था। मानसी हास्पिटल के डा. राजेन्द्र मौर्या ने जब मनीष को चेक किया तो उनकी बीपी और पल्स नहीं मिल रही थी।
फरार पुलिसवालों की तलाश में छापेमारी
गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नम्बर 512 प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के साथ इंस्पेक्टर समेत जिन छह पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की थी। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास वहां जांच करने गई कानुपर की एसआईटी ने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने आरोपित पुलिसकर्मियों की तलाश में उनके सरकारी आवास पर दस्तक दी। एसआईटी ने इसे छापेमारी ऑपरेशन की तरह अंजाम दिया। बल्कि वहां पर आराम से पहुंचकर उनके बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया। बीते तीन दिनों से एसआईटी गोरखपुर में जांच कर रही है। इस दौरान उन्होंने होटल में दो दिन लगातार जांच की। वहां के कर्मचारी, होटल मालिक, और वहां के सुरक्षा कर्मियों के बयान दर्ज किए। जांच में अब तक जो बिन्दु सामने आए हैं उसके हिसाब से पुलिस ने मनीष से हाथापाई की थी यह बात पुष्ट हो चुकी है। एसआईटी टीम ने आरोपित पुलिस कर्मियों के सरकारी आवास पर जाकर भी पूछताछ की।
सीसीटीवी में मनीष को ले जाते दिखे पुलिसकर्मी
मनीष गुप्ता हत्याकांड को लेकर जांच कर रही एसआईटी सोमवार को भी घटना से संबंधित साक्ष्य जुटाने के लिए गोरखपुर में ही डेरा डाले रही। टीम को होटल के पास स्थित एक एटीएम के सीसीटीवी कैमरे से काफी अहम सुराग मिले हैं जिसके वीडियो फुटेज में पुलिसकर्मी मनीष को ले जाते हुए नजर आ रहे हैं। इसे एसआईटी ने अपनी जांच में शामिल कर लिया है। साथ गए रिश्तेदारों ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को फोन करके इसकी जानकारी दी है।