Manipur हिंसा: सुरक्षा बढ़ाई गई, 5000+ सुरक्षाकर्मी तैनात, केंद्र सरकार की उच्च स्तरीय बैठक

Manipur में पिछले कुछ दिनों से हिंसा का माहौल जारी है, जिसमें कई निर्दोष लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में भड़की हिंसा के बाद, केंद्र और राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं।

Manipur में पिछले कुछ दिनों से हिंसा का माहौल जारी है, जिसमें कई निर्दोष लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में भड़की हिंसा के बाद, केंद्र और राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं। मणिपुर में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है, और सुरक्षात्मक उपायों को मजबूत किया गया है। हिंसा में वृद्धि के कारण, केंद्र सरकार ने राज्य में सुरक्षा बलों की संख्या को बढ़ा दिया है और स्थिति पर काबू पाने के लिए उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित की हैं।

5000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात

Manipur में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 5000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। राज्य में सुरक्षा की स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। इन सुरक्षाकर्मियों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान, असम राइफल्स और स्थानीय पुलिस शामिल हैं। इसके साथ ही, राज्य के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू और अन्य सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है।

सीएपीएफ की कुल 218 कंपनियां तैनात

राज्य में पहले से कुल 218 सीएपीएफ कंपनियां तैनात हैं। इन सुरक्षा बलों का मुख्य उद्देश्य Manipur में शांति बनाए रखना और हिंसा को नियंत्रित करना है। सीएपीएफ के जवान राज्य के संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रहे हैं और उग्रवादी तत्वों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। केंद्र सरकार ने इन बलों को पूरी तरह से सुसज्जित किया है ताकि वे मणिपुर में जारी हिंसा को शांत कर सकें।

अतिरिक्त 50 कंपनियों को भेजने का आदेश

Manipur में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, केंद्र सरकार ने राज्य में अतिरिक्त 50 सीएपीएफ कंपनियों को भेजने का आदेश दिया है। यह कदम सुरक्षा बलों की संख्या को और बढ़ाने के लिए उठाया गया है, ताकि हिंसा की स्थिति पर तुरंत काबू पाया जा सके। इन अतिरिक्त कंपनियों को मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया जाएगा, जहां हालात सबसे ज्यादा बिगड़े हुए हैं।

लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा भड़की

Manipur में हिंसा की शुरुआत तब हुई जब कई महिलाओं और बच्चों के शव मिले। इन शवों की पहचान लापता हुए लोगों के रूप में की गई, जिससे स्थानीय समुदायों में आक्रोश और घृणा की भावना फैल गई। इसके बाद, हिंसा ने और जोर पकड़ लिया, और मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और झड़पें शुरू हो गईं। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि सरकार और सुरक्षा बल इन मामलों की जांच में पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ी।

अमित शाह की उच्च स्तरीय बैठक

हिंसा की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी शामिल होंगे। बैठक में मणिपुर के मौजूदा हालात, सुरक्षा उपायों और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए किए जाने वाले कदमों पर चर्चा की जाएगी। केंद्र सरकार मणिपुर में हिंसा को जल्दी नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

Manipur में हिंसा तेज, जिरीबाम में तीन शव मिलने के बाद कर्फ्यू लागू

Manipur में हिंसा के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार इस पर काबू पाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही हैं। अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती, सीएपीएफ की संख्या में वृद्धि और उच्च स्तरीय बैठकें इस बात को दर्शाती हैं कि केंद्र सरकार मणिपुर में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए गंभीर है। अब यह देखना होगा कि इन उपायों के बाद स्थिति में कितनी जल्दी सुधार आता है और मणिपुर में सामान्य स्थिति कब लौटती है।

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