ममता की जीत के बाद बंगाल में BJP का हाल:150 दिनों में 77 से 70 हो गए विधायक
एक्सपर्ट बोले- दिवाली के दो दिन पहले पता चल जाएगा BJP में कितना दम बचा
ममता बनर्जी ने भवानीपुर सीट 58,835 वोटों से जीत ली है। अब 30 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों दिनहाता (कूचबिहार), शांतिपुर (नदिया), खरदाह (नॉर्थ 24 परगना) और गोसाबा (साउथ 24 परगना) में वोटिंग होनी है। इन चारों ही सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिसके नतीजे दिवाली के दो दिन पहले यानी 2 नवंबर को आएंगे। इनमें से दो सीटों दिनहाता और शांतिपुर में BJP जीती थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 30 अक्टूबर का चुनाव ये तय कर देंगे कि BJP पश्चिम बंगाल में कितनी मजबूत रह गई है।
5 महीने में 77 से 70 विधायक रह गए
2 मई को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे और TMC ने 213 सीटें जीती थीं, जबकि BJP को महज 77 सीटों पर जीत मिली थी। बीते पांच महीनों में ही BJP के विधायकों की संख्या 77 से 70 पर आ गई है।
बिष्णुपर से जीते BJP विधायक तन्मय घोष, बागदा से जीते बिस्वजीत दास और कालीगंज जीतने वाले सोमेन रॉय TMC जॉइन कर चुके हैं।
मुकुल रॉय भी TMC में शामिल हो चुके हैं। वहीं निशिथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने विधायक पद छोड़कर संसदीय सीट अपने पास रखी है इसलिए BJP के 6 MLA कम हो गए।
जबकि रायगंज विधायक BJP से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन उन्होंने अभी किसी पार्टी को जॉइन नहीं किया है। इस तरह BJP के 77 से 70 विधायक रह गए हैं।
अब यदि 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में चारों सीटों पर पार्टी हार जाती है, तो विधानसभा के मुकाबले दो सीटों का और नुकसान हो जाएगा।
भवानीपुर में बड़े अंतर से जीतने के बाद ममता बनर्जी ने समर्थकों को संबोधित किया। वे अब BJP को केंद्र में चुनौती देने की तैयारी में हैं।
30 अक्टूबर के चुनाव बताएंगे संगठन में कुछ दम रह गया है या नहीं
पश्चिम बंगाल के सीनियर जर्नलिस्ट स्निग्धेंदु भट्टाचार्य कहते हैं, शांतिपुर में मतुआ कम्युनिटी प्रभावी है। वहीं दिनहाता में चुनावी हिंसा मुख्य मुद्दा है। इन दोनों का BJP को विधानसभा चुनाव में फायदा मिला था, लेकिन अब ये सीटें कौन जीतेगा, अभी कहना मुश्किल है।
यदि BJP यह सीटें जीतती है तो उसके कार्यकर्ताओं का मॉरल कुछ बूस्ट होगा, लेकिन यदि हार जाती है तो कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास पूरी तरह टूट सकता है। इससे BJP को नुकसान होगा। एक तरह से इन चारों सीटों के नतीजे ये बताएंगे कि BJP के पश्चिम बंगाल संगठन में कुछ दम अब रह गया है या नहीं।
TMC सोर्सेज के मुताबिक आने वाले समय में BJP के बूथ लेवल वर्कर्स बड़ी संख्या में TMC में शामिल होंगे। इसके लिए पर्दे के पीछे लगातार कोशिशें की जा रही हैं, क्योंकि TMC 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले BJP के बंगाल संगठन को पूरी तरह से खत्म करना चाहती है।
सीनियर जर्नलिस्ट प्रभाकर मणि तिवारी कहते हैं, ऐसा ही चलते रहा तो BJP के सांसदों की संख्या 17 से 4-5 पर आ जाएगी, क्योंकि बंगाल में जनता के पास BJP को चुनने का कोई कारण अभी नजर नहीं आ रहा।
उपचुनाव में हमेशा सत्तासीन पार्टी की ही जीत होती है
सीनियर जर्नलिस्ट श्यामलेंदु मित्रा के मुताबिक उपचुनाव में हमेशा सत्तासीन पार्टी की ही जीत होती है। पश्चिम बंगाल में भी वहीं हो रहा है, क्योंकि यहां न BJP के पास कोई बहुत पॉपुलर नेता है और न ही वे सड़क पर कोई बहुत बड़ा मूवमेंट करते नजर आ रहे हैं, जबकि भ्रष्टाचार यहां एक बहुत बड़ा इश्यू है।
अब पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होंगे, तब TMC को सत्ता में रहते हुए 15 साल पूरे हो चुके होंगे, उस चुनाव में क्या होगा, यह 2024 में क्या होता है, इस पर निर्भर करेगा। ममता बनर्जी 34 साल के वामपंथ को बंगाल से सालों के संघर्ष के बाद खत्म कर सकीं थीं।
आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि BJP इस लड़ाई को कैसे आगे बढ़ा रही है। ये तय है कि उसका संगठन अभी कमजोर हुआ तो उसे लोकसभा में नुकसान उठाना पड़ेगा। विधायक कम होने पर राज्यसभा में भी BJP को नुकसान होगा।