ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर लगाया आरोप, यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर कही ये बात
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर लगाया ये आरोप, कह दी बड़ी बात
लखनऊ: रूस-यूक्रेन वार बढ़ता ही जा रहा है. जिसकी वजह से वहां फंसे भारतीयों की वापसी मामले में राजनीति तेज हो गई है. इसी कड़ी वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हमला बोला है. 2 मार्च यानी बुधवार को कोलकाता से वाराणसी रवाना होने के पहले कोलकाता एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से सवाल किया कि यदि तीन-चार महीने पहले उन्हें इसकी जानकारी थे तो फिर वहां फंसे लोगों की वापसी की व्यवस्था पहले क्यों नहीं की गई? उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू करने में इतनी देरी क्यों हुई. इस मामले में लापरवाही हुई है और लापरवाही की वजह से भारतीय छात्र की मौत हुई.
बता दें कि इसके पहले यूक्रेन के मुद्दे पर पीएम मोदी को बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश की थी. उन्होंने साथ ही अंतरराष्ट्रीय शांति तथा गैर-आक्रामकता संबंधी देश के रुख के अनुरूप संकट से उबरने के राष्ट्रीय संकल्प के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार करने का आग्रह किया था. पीएम मोदी को लिखे एक पत्र में ममता बनर्जी ने दोहराया था कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों विशेष रूप से छात्रों को निकालने के संबंध में पूरा देश एक साथ है. पत्र में कहा गया है, ‘‘मैं आपसे मौजूदा अंतरराष्ट्रीय संकट के दौरान मेरे बिना शर्त समर्थन को स्वीकार करने और अंतरराष्ट्रीय शांति तथा गैर-आक्रामकता संबंधी देश के रुख के अनुरूप संकट से उबरने के राष्ट्रीय संकल्प के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार करने का आग्रह करती हूं.’’
छात्रों की वापसी के लिए क्यों नहीं उठाए गए कदम- बंगाल सीएम
ममता बनर्जी ने कहा कि लोग यूक्रेन में अटके हैं. मैंने पहले पत्र देकर पीएम को समर्थन किया था, लेकिन जब वह ये सब 3-4 महीने पहले से जानते थे, पहले क्यों नहीं फंसे छात्रों को बुलाया गया? यदि ऐसा होता तो छात्रों को बंकर में नहीं रहना होता. रोमोनिया में नहीं रहना होता. खाना खोजने में जान नहीं गवानी पड़ती. जहां तक वापस लाने की बात है, जो सरकार रहेगी. उसकी दायबद्धता है,
पीएम मोदी मीटिंग में हैं बिजी, पहले भी कर सकते थे फोन
ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं सरकार को विदेश मंत्रालय की नहीं करना चाहती है. विदेश के मामले में समन्वय के अभाव के कारण हम पिछड़ रहे हैं. छात्र फंस गए हैं. एक छात्र की मौत हो गई है. जब सरकार पूरी स्थिति को जानती थी, वह छात्रों को पहले क्यों नहीं लाई. लेट रनिंग ट्रेन का मामला है और यात्री परेशान हो रहे हैं. यह लापरवाही है और यह लापरवाही अपराध है. जब तक सभी वापस नहीं आ जाते हैं, तो दिल में दुख भरा रहेगा.