Maharashtra विधानसभा चुनाव 2024: उत्तर भारतीयों का बढ़ा प्रभाव
Maharashtra विधानसभा चुनाव 2024 में एक दिलचस्प बदलाव देखने को मिल रहा है। इस बार, प्रमुख राजनीतिक दलों ने उत्तर भारतीय उम्मीदवारों को अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बनाया है।
Maharashtra उत्तर भारतीयों की बढ़ती संख्या
Maharashtra विधानसभा चुनाव 2024 में एक दिलचस्प बदलाव देखने को मिल रहा है। इस बार, प्रमुख राजनीतिक दलों ने उत्तर भारतीय उम्मीदवारों को अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बनाया है। उत्तर भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश (यूपी) और बिहार से आए हुए लोग, जो महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में बसे हैं, अब राजनीति में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। खासतौर पर मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में उनकी संख्या काफी अधिक है। मुंबई और उपनगरों में अकेले 35 लाख से ज्यादा उत्तर भारतीय रहते हैं, और ये प्रवासी अब राज्य के चुनावी परिदृश्य में अहम भूमिका निभाते हैं।
इसके अलावा, ठाणे, कल्याण, नई मुंबई, पालघर, वसई और विरार जैसे बृहन्मुंबई क्षेत्र में भी हिंदीभाषी प्रवासी बड़ी संख्या में हैं। अब तो महाराष्ट्र के अन्य बड़े शहरों जैसे नागपुर, पुणे, नासिक और औरंगाबाद में भी हिंदी भाषी नागरिकों का प्रभाव बढ़ा है। ऐसे में इन क्षेत्रों में उत्तर भारतीय उम्मीदवारों का मैदान में उतरना किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी लाभकारी साबित हो सकता है।
भाजपा ने दिए सबसे अधिक उत्तर भारतीय टिकट
Maharashtra विधानसभा चुनाव में उत्तर भारतीय उम्मीदवारों को सबसे अधिक टिकट भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने दिए हैं। भाजपा ने अपने चुनावी पत्तों में एक दर्जन से अधिक उत्तर भारतीयों को मैदान में उतारा है, जिनमें यूपी और बिहार के कई प्रमुख नेता शामिल हैं। भाजपा का यह कदम उत्तर भारतीय वोट बैंक को साधने के लिए है, क्योंकि पार्टी जानती है कि इन प्रवासियों का वोट चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
भा.ज.पा. ने इस बार चुनाव में यूपी-बिहार के नागरिकों को महत्वपूर्ण पदों पर काबिज करने का प्रयास किया है, ताकि इन क्षेत्रों में पार्टी के पक्ष में वोटों की झड़ी लग सके। खासकर महाराष्ट्र के उन इलाकों में, जहां हिंदी भाषी आबादी निर्णायक भूमिका में है, भाजपा ने उत्तर भारतीय उम्मीदवारों को एक मजबूत विकल्प के तौर पर पेश किया है।
अन्य दलों का उत्तर भारतीयों पर दांव
हालांकि भाजपा प्रमुख पार्टी है जिसने उत्तर भारतीयों को सबसे अधिक टिकट दिए हैं, अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस समूह को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है। शिवसेना और कांग्रेस जैसे दलों ने भी कुछ उत्तर भारतीय उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं, लेकिन इनकी संख्या भाजपा से कम रही। इन दलों का प्रयास उत्तर भारतीय मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करना है, जो भाजपा के अलावा अन्य विकल्पों की तलाश में हैं।
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Maharashtra विधानसभा चुनाव 2024 में उत्तर भारतीय उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व बढ़ना इस बात को दर्शाता है कि राज्य के चुनावी परिदृश्य में अब हिंदी भाषी प्रवासी अहम भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा ने अपनी रणनीति में इन मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए सबसे अधिक उत्तर भारतीय उम्मीदवारों को टिकट दिया है। यह बदलाव आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति को एक नई दिशा दे सकता है, जहां उत्तर भारतीय समुदाय के वोटों का खेल चुनावी परिणामों पर बड़ा असर डाल सकता है।