महंत रवींद्र पुरी बनें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष, करेंगे ये काम
प्रयागराज. निरंजनी अखाड़े के सचिव और मंशा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी को साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष चुना गया है. रवींद्र पुरी का चयन आज यानी सोमवार प्रयागराज में हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में आम सहमति से किया गया. हालांकि इस बैठक में 13 में से सिर्फ 7 अखाड़े ही मौजूद थे, जबकि एक अखाड़े ने अपने समर्थन की चिट्ठी भेजी थी. नवनिर्वाचित अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद खुद को बीजेपी का पुराना समर्थक बताया और कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में खुलकर प्रचार करने का ऐलान भी किया.
उन्होंने बीजेपी को राम की पार्टी बताया और कहा कि उनकी अगुवाई में संत-महात्मा देश के चप्पे-चप्पे में भाजपा को लाने और उसे जिताने का काम करेंगे. उनके मुताबिक सिर्फ बीजेपी राज में ही संत-महात्मा खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं. मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने ही दूसरी पार्टियों के नेताओं को राम का नाम लेने और मंदिरों में माथा टेकने को मजबूर किया है. अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष के इस सियासी बयान पर आने वाले दिनों में विवाद पैदा होने की भी आशंका जताई जा रही है.
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि हरिद्वार में पिछले हफ्ते जिन अखाड़ों ने अलग बैठक कर अपने अलग पदाधिकारी चुन लिए थे, उन्हें वह साथ लाने की कोशिश करेंगे. उनके मुताबिक अखाड़ा परिषद में फूट जैसी कोई बात नहीं है. कुछ विचारों का मतभेद है, जिन्हें जल्द ही दूर कर लिया जाएगा.
बैठक में 13 में से 7 अखाड़े शामिल, एक ने भेजा स्वीकृति पत्र
अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष पद इसी साल 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरी के निधन के बाद खाली हुआ था. महंत नरेंद्र गिरी भी निरंजनी अखाड़े से ही जुड़े हुए थे. अखाड़ा परिषद की आज की बैठक भी निरंजनी अखाड़े के मुख्यालय में ही हुई. इस बैठक में जूना, निरंजनी, अग्नि, आनंद, आवाहन और नया उदासीन अखाड़ों के प्रतिनिधि सीधे तौर पर शामिल हुए. इसके अलावा निर्मल अखाड़े का बागी गुट कोर्ट के आदेश के साथ बैठक में मौजूद था. इस तरह आज की बैठक में 13 में से 7 अखाड़े सीधे तौर पर शामिल थे, जबकि निर्मोही अनी अखाड़े ने अपने समर्थन की चिट्ठी पदाधिकारियों को भेजी थी.
8 अन्य प्रस्ताव भी पारित
आज की बैठक में महंत रवींद्र पुरी को अध्यक्ष चुने जाने के साथ ही 8 अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए. इन प्रस्तावों में सभी सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार व विस्तार के साथ ही उसकी रक्षा से जुड़े हुए थे. बैठक के बाद परिषद के महामंत्री महंत हरी गिरी ने बताया कि अखाड़ा परिषद की अगली बैठक 25 नवंबर को होगी. उनके मुताबिक महंत रवींद्र पुरी का चुनाव परंपरा के मुताबिक किया गया है. उन्होंने यह भी दावा किया अखाड़ों के आपसी मतभेद को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा और सभी 13 अखाड़े एक बार फिर से एकजुट होंगे. आज की बैठक में शुरू में अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी को श्रद्धांजलि दी गई. बैठक में मौजूद सभी संतों ने उनके चित्र पर फूल चढ़ाए और 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी.