क्या है महाकालेश्वर मंदिर की विशेषताएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया है । यह महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण इसका महत्व है । एक ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव का प्रतिनिधित्व माना जाता है । भगवान शिव और देवी शक्ति की 200 मूर्तियों और भित्ति चित्रों को दर्शाया गया हैं। इसमें अन्य धार्मिक कलाएं भी है । मुख्य द्वार से मंदिर तक 93 शिव प्रतिमाएं हैं, जो शिव पुराण की कहानियों को दर्शाते हैं ।
यह महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर का विकास परियोजना की लागत 850 करोड़ रुपये है । इस महाकालेश्वर मंदिर का महत्व बहुत माना इसलिए जा रहा है क्योंकि यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक की ही मेजबानी करता है । माना जाता है की इस मंदिर में हर साल लगभग 1.5 करोड़ भक्त आते हैं ।
इस मंदिर के बारे में यह कहा जा रहा है की यह मंदिर लोगों को हिंदू संस्कृति और परंपरा से जुड़ने में भी मदद करेगा और उन्हें सहज, उदात्त अनुभव प्रदान महसूस होगा । इसके साथ पर्यटकों की सुविधा के लिए दुकानें, आवास, आपातकालीन सुविधाएं, ई-वाहन और सौर पार्किंग उपलब्ध होगी ।
क्या है इस मंदिर की खास बात ?
प्रत्येक मूर्ति का एक क्यूआर कोड लगाया गया है । अगर कोई व्यक्ति कोड को स्कैन करता है तो उसे उस मूर्ति के बारे में सारी जानकारी प्राप्त हो जाएगी । इसके साथ इस मंदिर में एक झील का दोबारा निर्माण किया जाएगा । इस झील का नाम रुद्रसागर झील बताया जा रहा है, जिसे पुनर्जीवित कर संरक्षित किया जाएगा । तालाबों के जल स्तर और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर सफाई की जाएगी । इसके साथ ही महाकाल मंदिर को क्षिप्रा नदी से जोड़ने के लिए 152 भवनों का अधिग्रहण किया गया है ।
उद्घाटन से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में पूजा-अर्चना करी फिर इसके बाद उन्होनें एक जनसभा को संबोधित किया ।