Amit Shah के अंबेडकर टिप्पणी पर महा विकास आघाडी का विरोध

Amit शाह द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन विधान भवन के कदमों पर हुआ

19 दिसंबर 2024 को महाराष्ट्र के नागपुर में महा विकास आघाड़ी (MVA) के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री Amit शाह द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन विधान भवन के कदमों पर हुआ, जहां MVA नेताओं ने संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर के अपमान का विरोध किया। उनका कहना था कि भारतवर्ष डॉ. अंबेडकर के अपमान को सहन नहीं करेगा। विरोध प्रदर्शन में MVA नेताओं ने नीली टोपी और गमछे पहने थे, जो अंबेडकर के प्रतीक के रूप में माने जाते हैं।

विरोध का कारण – Amit शाह की टिप्पणी

यह विरोध प्रदर्शन केंद्रीय गृह मंत्री Amit शाह द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में की गई हालिया टिप्पणी के खिलाफ था। शाह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अंबेडकर के विचारों को लेकर कुछ विवादास्पद बयान दिए थे, जिन्हें उनके समर्थकों ने अनुचित और अपमानजनक बताया। शाह की टिप्पणियों को लेकर आरोप था कि उन्होंने डॉ. अंबेडकर की भूमिका और योगदान को कमतर करके दिखाया था, जो कि विपक्षी दलों के लिए असहनीय था।

विरोध प्रदर्शन में शामिल लोग

प्रदर्शन में महा विकास आघाड़ी (MVA) के प्रमुख नेता शामिल हुए, जिनमें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के सदस्य थे। इन नेताओं ने समविधान चौक से मोर्चा निकाला और विधान भवन के कदमों तक पहुंचकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, “बाबासाहेब का अपमान नहीं सहेंगे हिंदुस्तान”, यह नारा अंबेडकर के समर्थकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे डॉ. अंबेडकर के सम्मान को लेकर संवेदनशील हैं।

MVA का विरोध और राजनीतिक प्रतिक्रिया

महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने कहा कि Amit शाह की टिप्पणी डॉ. अंबेडकर के योगदान और उनके विचारों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ भारतीय संविधान और सामाजिक न्याय की नींव पर हमला करने के समान हैं। MVA नेताओं ने यह भी कहा कि डॉ. अंबेडकर का अपमान केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे दलित समुदाय और भारत के संविधान का अपमान है।

इस मामले में भाजपा और Amit शाह ने विरोध प्रदर्शन के बावजूद अपनी टिप्पणी को सही ठहराया। भाजपा नेताओं ने कहा कि शाह का बयान गलत तरीके से पेश किया गया है और उन्होंने कभी भी अंबेडकर के सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश नहीं की।

अंबेडकर के योगदान पर विवाद

डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय समाज के सुधारक और संविधान निर्माता थे। उन्होंने भारतीय समाज में दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए समान अधिकारों की लड़ाई लड़ी। उनके योगदान को लेकर भारत में कई बार विवाद उठते रहे हैं, खासकर जब किसी नेता द्वारा उनके विचारों का अनुचित संदर्भ में उपयोग किया जाता है। इस प्रकार की टिप्पणियाँ अंबेडकर के अनुयायियों के बीच गहरी नाराजगी का कारण बनती हैं।

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Amit शाह की टिप्पणी पर महाविकास आघाड़ी का विरोध प्रदर्शन यह दिखाता है कि डॉ. अंबेडकर के सम्मान और उनके योगदान को लेकर भारतीय राजनीति में गहरी भावनाएँ हैं। विरोध करने वालों का कहना है कि भारत में संविधान के निर्माता का अपमान नहीं सहा जाएगा, और उनके सम्मान की रक्षा की जानी चाहिए। इस प्रकार के विवादों ने भारतीय राजनीति को और भी संवेदनशील बना दिया है, जहां अंबेडकर जैसे महान नेता के विचारों और योगदान पर राजनीतिक बयानबाजी का असर सीधा समाज में पड़ता है।

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