कोरोना काल में तमाम चुनौतियों के बीच लगेगा माघ मेला, चंद दिन शेष

प्रयागराज: प्रयागवाल महासभा के महामंत्री राजेन्द्र पालीवाल (Rajendra Paliwal) ने बताया कि प्रयागवाल ही कल्पवासियों को बसाता है। मेला में करीब पांच लाख कल्पवासी एक माह तक कल्पवास करते हैं। माघ मास के पहले मकर संक्रांति (Makar Sankranti) स्नान के लिए मात्र पांच दिन शेष बचे हैं लेकिन अभी मेला व्यवस्थित रूप से बस नहीं सका।

11 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान पर्व

श्री पालीवाल ने बताया कि कोरोना काल (covid-19) में तमाम चुनौतियों के बीच माघ मेला एक नई आशा का किरण लेकर आ रहा है, क्योंकि इस बार माघ मेला के स्नान पर्वों पर गुरु बृहस्पति का दुर्लभ योग बन रहा है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू हो रहे माघ मेला के छह स्नान पर्व में चार स्नान पर्व गुरुवार को ही पड़ रहे हैं। ग्रहीय गोचर के अनुसार, गुरु बृहस्पति महामारी एवं अनिष्टकारी शक्तिओं को नष्ट करने में सक्षम हैं। स्नान का पहला स्नान पर्व 14 जनवरी दिन गुरुवार को मकर संक्रांति से शुरू होगा। इसमें 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 11 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान पर्व गुरुवार के दिन ही पड़ेगा. इस बीच 16 फरवरी को वसंत पंचमी मंगलवार और माघी पूर्णिमा 27 फरवरी दिन शनिवार को पड़ेगी।

 

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