मैगी लवर्स को एक बार फिर लगेगा झटका, कीमतों में आएगी तेजी
मैगी-कॉफ़ी लवर्स को लगेगा महंगाई का झटका, नेस्कैफे-किटकैट के भी बढ़ेंगे दाम
नई दिल्ली: महंगाई की मार दिन प्रतिदिन बढती जा रही है. अब पेट्रोल-डीजल के साथ सोना-चांदी के साथ खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने से अगर आप परेशान हैं और सोच रहे हैं कि महंगाई अपने चरम पर है तो जरा ठहरिए. आपकी ये मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है, क्योंकि खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियां फिर से कीमतों में बढ़ोतरी करने वाली हैं. पिछले महीने ही दिग्गज एफएमसीजी कंपनियों नेस्ले व एचयूएल ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं.
कमोडिटी की ग्लोबल कीमतें बढ़ने से परेशान एफएमसीजी कंपनी नेस्ले एक बार फिर से अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने की तैयारी में है. कंपनी का कहना है कि खाने का तेल, कॉफी, गेहूं व फ्यूल जैसी कमोडिटी के दाम 10 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. इसका मतलब ये हुआ कि कंपनी इसका बोझ उपभोक्ताओं पर ही डालेगी.
लागत में वृद्धि से मुनाफा हो रहा प्रभावित
नेस्ले के अनुसार, कमोडिटी की कीमतें बढ़ने से कच्चा माल व पैकेजिंग सामानों के दाम 10 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं. इससे लागत बढ़ती जा रही है और परिचालन मुनाफा प्रभावित हुआ है. एफएमसीजी कंपनी नेस्ले मैगी, किटकैट, नेस्कैफे जैसे प्रचलित उत्पाद बनाती है. इसके अलावा पाउडर मिल्क समेत कई अन्य उत्पाद बनाती हैं.
आने वाले समय में महंगाई बढ़ती रहेगी आगे
नेस्ले ने एक बयान जारी कर कहा है कि लघु से मध्यम अवधि में महंगाई निरंतर बढ़ने की संभावना है. इस चुनौती का सामना करने के लिए कंपनी मूल्य निर्धारण की रणनीतियों के साथ तैयार है. इसे विवेकपूर्ण तरीके से लागू किया जाएगा. हालांकि, कंपनी ने ये नहीं बताया है कि कीमतों में दोबारा बढ़त कब से की जाएगी.
खाने वाले तेल, कॉफी, गेहूं, ईंधन जैसी प्रमुख वस्तुओं की लागत में तेजी बनी हुई है. जबकि आपूर्ति बाधित होने से फ्यूल व परिवहन लागत में वृद्धि से पैकेजिंग सामग्री की लागत में भी बढ़ोतरी हो रही है. इससे वैश्विक व स्थानीय स्तर पर इनपुट कॉस्ट में वृद्धि हुई है.