MP के बैतूल का कुकरू बनेगा कुल्लू!:टूरिज्म बोर्ड गांव को बनाएगा हिल स्टेशन;
होम स्टे, एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाटर एक्टिविटी भी शुरू होगी
मध्यप्रदेश के बैतूल का कुकरू गांव जल्द ही कुल्लू की तरह टूरिस्ट प्लेस के तौर पर पहचान बनाएगा। टूरिज्म बोर्ड ने इसे हिल स्टेशन बनाने के लिए प्रोजेक्ट बनाया है। इसे इसी सप्ताह अप्रूवल मिलने की उम्मीद है। यह कार्ययोजना जल्द ही जिला प्रशासन को भी भेजी जाएगी। बोर्ड के 15 सदस्यीय दल ने पिछले दिनों क्षेत्र का भ्रमण कर पर्यटन की संभावनाओं को तलाशा था।
पिछले अगस्त माह में दल ने कुकरू के कॉफी बागान, सूर्य दर्शन प्वॉइंट, भोंड़ियाकुंड, सनसेट प्वॉइंट, झरनों और पास के लोकलदरी गांव का भ्रमण किया था। इसके बाद यहां पहले स्टेप की कार्ययोजना तैयार की गई थी। इसमें टूरिज्म सौंदर्य की दृष्टि से कुकरू, भोंड़ियाकुंड व लोकलदरी का चयन किया गया था।
कुकरू में पवन चक्की।
लोकलदरी व भोंड़ियाकुंड में होम-स्टे, लोकलदरी में ईको कल्चरल सेंटर व कुकरू में एडवेंचर स्पोर्टस सेंटर विकसित करने के लिए स्थानों का चिह्नांकन किया गया है। दल ने यहां होम-स्टे के तहत ग्रामीणों की भागीदारी पर ग्रामवासियों से भी चर्चा की थी। इसके अलावा, यहां एडवेंचर कैंप का आयोजन, सांस्कृतिक महोत्सव, फूड फेस्टिवल, स्टार गेजिंग, बर्ड वाचिंग, स्थानीय कलाकृतियों व उत्पादों को बढ़ावा देने की भी कार्य योजना बनाई गई है।
कुकरू में सनसेट का दृश्य।
क्षेत्र में वाटर एक्टिविटी को शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है। संचालक कौशल डॉ. मनोज कुमार के मुताबिक एक सप्ताह में कार्य योजना तैयार कर एक सप्ताह में जिला प्रशासन को भेज दी जाएगी। यहां क्या क्या काम किये जाने हैं। वह तैयार है।
कुकरु क्यों
बैतूल से 92 किमी दूर जिले की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित कुकरू का प्राकृतिक सौंदर्य सैलानियों के मन मोह लेता है। समुद्र तल से 1137 मीटर ऊंचाई पर स्थित कुकरू के कॉफी बागान प्रसिद्ध है। यहां लगे विंड फॉर्म आते-जाते सैलानियों को आकर्षित करते हैं।
यहां की खूबसूरत, ऊंची-नीची घाटियां रोमांच पैदा करती है। यहां वन विभाग और एको टूरिज्म विभाग के रेस्ट हाउस है। जिसकी ऑनलाइन बुकिंग होती है। बैतूल में पर्यटन निगम के दल के साथ समन्वय कर रही सहायक आयुक्त शिल्पा जैन के मुताबिक पर्यटन से कार्य योजना प्राप्त होते हैं। इस पर तेजी से कार्य किया जाएगा।
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