लखनऊ : खनन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर करोड़ों का चूना लगाने वाले चार आरोपी गिरफ्तार
लखनऊ। साइबर क्राइम ने चार शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर माइनिंग के परिवहन के लिए वाहनों के फर्जी ई-रवन्ना (रायल्टी पेपर) जारी कर प्रदेश सरकार को लगभग दो सौ करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचायी है।
पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने रविवार की शाम को यह बताया कि खनन अधिकारी सुभाष रंजन ने शिकायत की थी कि खनन विभाग में फर्जी ई-रवन्ना (मडड11 रायल्टी पेपर) बनाकर हजारों ट्रकों से अवैध तरीके से बालू, मौरंग व गिट्टी की निकासी की जा रही है। इससे दौ सौ करोड़ रुपये का राजस्व की क्षति हो चुकी है।
तकनीकी संसाधनों की मदद से खनन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर फर्जी रवन्ने निकालकर ट्रक ड्राइवरों व दलालों को बेचने वाले गिरोह के सदस्य मुकेश, मनोज, अंकित व विशाल को गिरफ्तार किया है। इससे पहले सचिन सिंह,अखिलेश प्रताप सिंह, जीवनलाल सिंह और शिवांशु रस्तोगी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
एसपी ने बताया कि अभियुक्तों ने खनन विभाग की आफिशियल वेबसाइट के डोमेन से मिलता जुलता डोमेन पर्चेज कर उसको होस्ट कराया जाता था तथा खनन विभाग की वेबसाइट का सोर्स पेज कापी कर फर्जी वेबसाइट में पेस्ट कर दिया जाता था, और अपने हिसाब से उसका सेटअप तैयार किया जाता था।
वेबसाइट में मड्ड 11 डाउनलोड करने का फीचर तैयार करने के लिए खनन विभाग की वेबसाइट में उपलब्ध मड्ड 11 रवन्नो के पेज सोर्स को कापी कर फर्जी वेबसाइट में पेस्ट कर एक बार सेटअप तैयार कर लिया जाता था तथा सही रवन्ना नम्बर के क्रम संख्या को बदलकर पेज सोर्स में गाड़ियों के नम्बर, ड्राइवर के नाम, मोबाइल नम्बर, वैधता दिनांक इत्यादि बदल दिया जाता था और यही प्रक्रिया बार-बार की जाती थी। इस डेटा को क्यूआर कोड स्टूडियो के माध्यम से क्यूआर कोड में परिवर्तित कर लिया जाता था। पुन इस क्यूआर कोड को प्रिन्ट किये गये फर्जी रवन्ने पर पेन्ट साफ्टवेयर के माध्यम से पेस्ट कर दिया जाता था तथा लोगों को कम दाम में उपलब्ध कराया जाता था।
उन्होंने बताया कि इस गैंग के तार काफी ऊपर तक फैले हैं, जिनके सम्बन्ध में विवेचना प्रचलित है। साक्ष्य के आधार पर अपराध में शामिल अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इस मामले में अन्य परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों को भी अपराध व अपराधियों के सम्बन्ध में अवगत कराकर अभियुक्तों की धरपकड़ करने के निर्देश जारी किये गये हैं।